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अध्या्—I : स्थिर विद्युविकी                                                                      11


                   (b)                      A   B       A   B       A  B        A  B




                                              (i)        (ii)        (iii)       (iv)
               5.  (i)  सवि्ष पत्र णवद्युद्दिशी की पलेट को धनावेणित छर से छूने पि चालन �ािा इसके सवि्षपत्रों पि हसतांतरित धन आवेि पहुुँच कि अपने परिमािानुसाि उस
                       पि पहले से णवद्मान आवेि को कम कि सकता है, णनिसत कि सकता है या णफि णनिसत किके णफि से धनावेणित कि सकता है। तिनुसाि, सवि्षपत्रों
                       का फैलाव कम होगा, िूनय हो िाएगा अथवा िूनय होकि णफि से बढ िाएगा। (ii) सवि्षपत्र णवद्युद्दिशी की पलेट के पास धनावेणित छर लाने से प्रेिि
                       �ािा पलेट पि ऋि आवेि तथा सवि्षपत्रों पि धन आवेि उतपन्न होगा। इससे सवि्षपत्रांे पि ऋिआवेि बढ िाएगा औि वे औि अणधक फैलेंगे।
              6(a).  (i)  q = ne
                                  .
                       Þ  n =   q  =  32  × 10 −7   = 2 × 10 12
                               e  16 × 10 −19
                                  .
                                12
                       Þ   2× 10  इलेकट्रॉन ऊन से परॉणलथीन पि सथानांतरित होकि उस पिा –3.2 × 10 –19 C आवेि उतपन्न किेंगे।
                                     –7
                   (ii)  ऊन पि +3.2 × 10 C आवेि उतपन्न होगा कयोंणक इसमें से 2 × 10 +12  इलेकट्रॉन णनकल िाऐंगे णिससे इतने परिमाि का धन आवेि प्रिावी हो
                       िाएगा।
                   (iii)   परॉणलथीन का द्रवयमान Dm = n × me = 2 × 10 +12  × 9.11 × 10 –31  kg = 18.22 × 10 –19  kg के बिाबि बढ िाएगा िबणक ऊन का
                       द्रवयमान इसी परिमाि में कम हो िाएगा।
              (b).  आवेि चालक के बाह्य पृष्ठ पि ही िहता है।
                                      −
                                       6
                                   ×
                   (i)  s   =    10 10 C      =   10 − 5  C   =   25  ×  10 − 5 C
                         1               2            − 2  2  π        2
                             4 × ( 1010 ) m 2   4 ×π  10  m          m
                                    ×
                              π
                                        2
                                       −
                                 ×
                        s   =   10 10 − 6   =   10 − 5   =   25  × 10 − 3 C    सपष्ठत: s  > s
                         2              2   4 ×  − 4   π       2         2   1
                                             π
                             4 × ( 1 10 )      10             m
                              π
                                  ×
                                      2
                                     −
                   (ii)  आवेि 1 cm णत्रजया के गोले से 10 cm णत्रजया के गोले की ओि तब तक प्रवाणहत होगा िब तक िोनों का आवेि घनतव बिाबि नहीं हो िाता।
                7.  (i)  फ्कणलन का पतंग प्रयोग      (ii)  तणरत चालक
                         े
                                             आपकी प्रगत् की जताँच ह़े्ु प्रशनतावली: 1. 1.10
               A.  1. (iii),   2. (iv),  3. (i),   4. (i),   5. (ii),   6. (iv)
               B.  7. q  = – q  अथा्षत् आवेिों के बिाबि औि प्रककृणत णवपिीत हैं।
                      1
                            2
                    8.  ऋिावेणित होने पि द्रवयमान बढता है, धनावेणित वसतु का द्रवयमान घटता है।
                    9. लोहे में    10. कूलरॉम   11.  िी, नहीं। कयों णक आवेि सिैव 1.6 × 10 –19  C का पूि्ष गुिांक होता है।      12. सुचालक
               C.  13.  कयों णक लोहा वैद्युत सुचालक है। हाथ में पकड कि आवेणित किने पि इस पि उतपन्न आवेि हमािे ििीि में होते हुए पृथवी में चले िाते हैं औि यह
                       अनावेणित िह िाता है।
                   14.  कयोंणक इलेकट्रॉन हलके होते हैं, पिमािु में न णिक के बाहि इसके साथ अपेक्षाकत क्षीि बलो से बंधे होते हैं। प्रोटोन िािी होते हैं औि नाणिक के िीति
                                                 ा
                                                                      कृ
                       प्रबल नाणिकीय बलों के कािि समाणहत िहते हैं।
                   15.  फोटोन एक आवेिहीन कि है। युगम उतपािन में िब यह द्रवयीिूत (Materialize) होता है तो िाे णवपिीत प्रककृणत एवं समान परिमाि के कि उतपन्न
                       होते हैं अथा्षत् प्रक्रम में उतपन्न किों का कुल आवेि िी िूनय होता है। अथा्षत आवेि संिणक्षत होता है।
                   16.  कयोंणक एक आवेणित णपर प्रेिि प्रिाव से एक अनावेणित वसतु को िी अपनी ओि आकणर्षत कि सकता औि णवपिीतत: वसतु को िी। णकनतु
                                      ं
                                       ं
                       केवल समान आवेि के णपर को प्रणतकणर्षत कि सकता है। प्रणतकर्षि �ािा तो यह सुणनक्चित हो ही िाता है णक पिीक्षि अधीन वसतु आवेणित है।
                   17.  काँच की छड को यणि ििम के कपड से िगड तो इस पि धन आवेि आता है णकनतु यणि इसे ऊन से िगरें तो काँच की छड ऋिावेणित होती है।
                                     े
                                                   े
                                              े
                   18.  सिशी के णिनों में ििीि से उषमा की हाणन को िोकने के णलए हम एक के ऊपि एक कई वसत्र पहनते हैं िो ऊषमा औि णवद्युत के कुचालक होते हैं। वसत्र
                       उतािते समय िो वसत्रों के बीच घर्षण के कारण वे ववपरीतत: आवेवित हो जाते हैं और अलग करने को प्रक्रम में उनके बीच ववद्युत ववसज्षन होता है
                       वजसकी धववन हमें चट-चट के रूप में सुनाई देती है और जो अंधेरे कमरे में उड़ती हुई वचंगाररयों के रूप में वदखाई देता है।   [NCERT]
                                                                                             2  2   1 
               D.  19.  प्रोटरॉन का आवेि +e होता है। अत: इसके तीन घटक किों के आवेिों का परििामी योग +e होना चाणहए िो     e +  e −  e   �ािा प्राप्त हो
                                                                                             3  3   3 
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