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अध्या्—I : स्थिर विद्युविकी                                                                      13

               िहाँ  k  एक  आनुपाणतकता  णनयतांक  है  णिसका  मान  णनवा्षत  के      1.2.2   तक्सी पदताथिषि की तवद्य्शील्ता एवं वैद्य् बलों पर
                                                                                                        यु
                                                                                         यु
                           2 –2
                      9
            णलए 9 × 10  Nm C  होता है। यहाँ C आवेि के मात्रक कूलरॉम    उ्सकता प्रिताव
            (Coulomb) का प्रतीक है। णिसको परििाणरत हम आगे किेंगे। यहाँ यह         (Permittivity of a material and electric force)
            िी नोट किें णक िो आवेिों के बीच लगने वाले णवद्युतसथैणतक बल का मान
                                                                 अलग   अलग  माधयमों  की  णवद्युतिीलता  अलग-अलग  होती  है।  णकसी
            उस माधयम पि िी णनि्षि किता है णिसमें ये आवेि िखे हैं। बाि में यह   माधयम की णवद्युतिीलता को e �ािा वय ति किते हैं।
                                   1
            महसूस णकया गया णक यणि k =    ले णलया िाए तो णवद्युतसथैणलकी
                                  4πε                               आवेिों के बीच बल काे णनयंणत्रत किने वाले माधयम के णवणिष्ट गुि
                                     0
                                                                                                          यु
                           कृ
            के अनेक सूत्र अपेक्षाकत सिल रूप में आ िाते हैं, णफि उनमें p िाणमल   को पिावैद्युताँक (Dielctric constant) अथवा आपेतक्षक तवद्य्शील्ता
            नहीं होता। इसणलए णवद्युतीय मात्रकों को तक्क समिवत बनाने के णलए   (Relative permittivity) कहते हैं। इसे प्राय: संकेत k �ािा णनणि्षष्ट किते
                        1                                        हैं। णकसी माधयम के पिावैद्युतांक को उसके पिाथ्ष की णवद्युतिीलता (e)
            अब हम  k =   4πε    ही लेते हैं औि तब कूलरॉम-णनयम की गणितीय
            अणिवयक्ति होगी।  0                                   तथा णनवा्षत की णवद्युतिीलता के अनुपात के रूप में परििाणरत किते हैं।
                               1  qq                             अथा्षत्–
                         F  =      1  2               …(1.1)                  k  =   e
                              4πε 0  r 2                                          e 0
               यहाँ e (एपसाइलन नरॉट) िी णनवा्षत का णवद्युतीय गुि वयति किने      Þ     e  = Ke              …(1.2)
                    0                                                               0
            वाला एक णनयताँक है इसे णनवा्षत की तवद्य्शील्ता (permittivity)   इसणलए, यणि आवेि q  एवं q  वैद्युतिीलता k के णकसी माधयम में
                                          यु
                                                                                   1     2
            कहते हैं, औि इसका मान है                             r ििी पि िखें हों तो उनके बीच कूलरॉमी बल का परिमाि होगा:
                                                                   ू
                               1         1
                         e  =      =                                                1 qq
                          0   4≠k    4π× ×    − 9                            F'  =  4πε  1 r 2  2
                                         9 10
                                                –2
                                             –1
                                          2
                            = 8.85 × 10 –12  C N m                                   1   qq      F
                                                                                  =       1  2  2   =      …(1.3)
                                                                                     k
             सव० मू० प्र० 8:                                                       4πε 0  r      K
                                                                    अथा्षत्, आवेशों को तनवताषि् के बजताए k परतावैद्य्तांक के मताधयम
                                                                                                      यु
               1.  (a)  णवद्युतिोधी आधािों पि लगे ताँबे के िो सव्षसम आवेणित
                                                                 में उ्नी ही दूरी पर रिने पर उनके
                     गोलों A एवं B के केनद्रों के बीच की ििी 50 cm है।                        मताधयम    k कता मतान
                                                 ू
                                        –7
                                                                          यु
                     प्रतयेक गोले पि 6.5 × 10 C आवेि णवद्मान है। इन   बीच कता वैद्य्क्षेत्र k गुनता कम हो   णनवा्षत  1.00000
                     गोलों के बीच लगने वाले क्सथि णवद्युत प्रणतकर्षि बल का   जताएगता, या िूसिे िबिों में कहें तो
                     परिमाि परिकणलत कीणिए। आप मान सकते हैं णक गोलों   पिावैद्युतीय  पिाथ्ष  आवेिों  के  बीच  वायु  1.006
                     के बीच की ििी की तुलना में इनकी णत्रजयाएँ नगणय है।  णवद्युतीय बल को क्षीि किते हैं। ऐसा   हाइड्ोिन  1.00026
                              ू
                                                                 हम इसणलए कह िहे हैं कयोंणक k का
                (b)  गोले  A  एवं  B  के  साइि  का  एक  तीसिा  णवद्युतरूद्ध                माइका (अभ्रक)  3 – 6
                     अनावेणित गोला C पहले गोले A के संपक्क में लाकि हटा   मान सिी पिाथथो के णलए 1 से अणधक   काँच  3 – 4
                     णलया िाता है औि णफि गोले B के संपक्क में लाकि हटा   होता  है।  कुछ  प्रारूणपक  पिाथथो  के   81
                     णलया िाता है। अब गोले A एवं B के बीच प्रणतकर्षि बल   णलए k के मान साथ में िी गई साििी  िल
                     का परिमाि कया होगा?                         में ििा्षए गए हैं।
                                                                    समी० (1.3) को पुनवय्षवक्सथत किके हम णलख सकते हैं:
                                            ू
                (c)  अब गोलों A एवं B के बीच की ििी को आधी कि णिया                 F
                     िाता है तो उनके बीच लगने वाले प्रणतकर्षि बल पि कया            k =   F'                …(1.4)
                     प्रिाव परेगा?
                                                                    अत: णकसी माधयम के पिावैद्युतांक को हम िो णबनिु आवेिों को
                                 ू
               2.  एक िूसिे से 15 cm ििी पि क्सथत 5 cm णत्रजया के णवद्युतिोधी   णनवा्षत में णकसी ििी पि िखने पि उनके बीच लगे बल औि उन आवेिों को
                                                                            ू
                 आधािों पि लगे ताँबों के िो आवेणित सव्षसम गोलों A एवं B   उस माधयम में उतनी ही ििी पि िखने पि लगे बल के अनुपात के रूप में
                                                                                  ू
                 के बीच लगनेवाला बल F होता है िब उनहें णबनिु आवेि मान   िी परििाणरत कि सकते है।
                 कि कूलरॉमी बल परिकणलत णकया िाता है। वासतणवक बल का      यहाँ यह बात िी नोट कीणिए णक समान िाणियों का अनुपात होने के
                 परिमाि F से कम होगा या अणधक िब िोनों गोलों पि (a) समान
                                                                 कािि पिावैद्युतांक का कोई मात्रक नहीं होता णकनतु णवद्युतिीलता (e) एक
                 आवेि हो, (b) णवपिीत आवेि हों। अपने उत्ति के समथ्षन में तक्क   णवमायुति िाणि है इसका मात्रक होता है।
                 िीणिए।
                                                                       यु
                                                                    तवद्य्शील्ता  की  तवमीय  ्सूत्र  (Dimensional  formula of
                                                                 dielectric constant)
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