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अध्या्—I : स्थिर विद्युविकी                                                                      9


               1.1.9  ्सतार ्संकलपनताएँ  (???????)
               •  सामानय पिाथ्ष वैसे तो आवेिहीन होते हैं लेणकन ये िो प्रकाि के आवेियुति किों से णनणम्षत होते हैं ऋि आवेणित कि इलेकट्रॉन णिसका द्रवयमान
                 m  = 9.11 × 10 –31  kg औि आवेि e = 1.6023 × 10 –19 C होता है तथा धन आवेणित कि प्रोटोन णिसका द्रवयमान इलेकट्रॉन के द्रवयमान
                   e
                 का 1834 गुना होता है औि आवेि इलेकट्रॉन के बिाबि ही होता है। ये िोनों कि पिाथ्ष के पिमािुओं में णनणहत होते हैं। इनमें िी प्रोटोन पिमािु
                 के केनद्र पि क्सथत नाणिक में समाणहत िहते हैं औि इलेकट्रॉन उनके बाहि णवणिन्न कक्षाओं में णवतरित िहते हैं।
               •   पिाथ्ष में अणधकति इलेकट्रॉन तो अपने-अपने नाणिक के साथ ब� िहते हैं णकनतु पिमािु की बाह्यतम कक्षाओं के कुछ इलेकट्रॉन आपसी अनयोनय
                 णक्रयाओं के कािि पिमािुओं से णवलग होकि पिाथ्ष के तरिसिल जतालक (Crystal Lathice) में यतादृस्छिक (random) गणत किने लगते हैं।
                 ये पिाथ्ष में तो परिबद्ध िहते हैं णकनतु पिमािुओं से मुति हो िाते हैं। इसणलए इनहें मुति (free) इलेकट्रॉन कहते हैं।
                 ण
               •   िन पिाथथों में मुति इलेकट्रॉनों की संखया अणधक होती है उनमें आवेि सिलता से एक णसिे से िूसिे णसिे तक प्रवाणहत हो िाता है इसणलए वे वैद्युत
                 चालक कहलाते हैं औि णिन पिाथथों में मुति इलेकट्रॉनों की संखया नगणय होती है वे णवद्युतिोधी कहलाते हैं। प्राय: सिी धातुएँ वैद्युत चालक औि
                 अधातुएँ णवद्युतिोधी होती हैं।
                                                                                                      ं
                                                ं
               •   वह प्रक्रम णिसमें इलेकट्रॉन एक णपर से िूसिे णपर पि हसतांतरित कि णिए िाते हैं आवेिन कहलाता है। आवेिन प्रक्रम में णिस णपर पि इलेकट्रॉन
                                        ं
                                                                                              ं
                 आते हैं वह ऋि आवेणित हो िाता है औि णिससे इलेकट्रॉन हटते हैं वह धन आवेणित हो िाता है। इस प्रकाि िोनों णपर एक साथ आवेणित होते
                 हैं औि िोनों पि समान परिमाि में णवपिीत आवेि णवकणसत होते हैं।
               •  आवेिों के णनमनणलणखत णवणिष्ट गुि हैं:
                 (i)  समान आवेि एक िूसिे को प्रणतकणर्षत किते हैं िबणक णवपिीत आवेि एक िूसिे को आकणर्षत किते हैं।
                 (ii)  प्रतयेक िौणतक, िासायणनक या नाणिकीय प्रक्रम में आवेि संिणक्षत िहते हैं अथा्षत् णकसी िी प्रकाि की अनयोनय णक्रया में णक्रयापूव्ष किों पि
                    णवद्मान आवेिों का योग णक्रया पचिात प्राप्त किों पि णवद्मान आवेिों के योग के बिाबि होता है। यह आवेि संिक्षि णनयम कहलाता है।
                (iii)  आवेिन कयोंणक इलेकट्रॉनों के हसतांतिि का परििाम है, इसणलए, णकसी णपर पि आवेि सिैव इलेकट्रॉन-आवेि के पूि्ष गुिाँक के रूप में ही
                                                                     ं
                    प्राप्त ही प्राप्त होता है उसके अंि के रूप में किी प्राप्त नहीं होता। अथा्षत q = ± n|e| िहाँ n = 1, 2, 3, …………
                  (iv)  आवेिों के परिमाि पि किों की गणत का कोई प्रिाव नहीं पडता। अथा्षत् चाहे कोई कि क्सथि हो या णकसी िी वेग से गणतमान उसका आवेि
                    अपरिवणत्षत िहता है।
                          ं
                (v)  णकसी णपर का कुल आवेि उसके अवयवी किों पि उपक्सथत णिन्न णिन्न आवेिों के बीिगणितीय योग के बिाबि होता है। यणि कोई णनकाय
                    n अवयवी किों से णमलकि बना है णिन पि आवेि क्रमि q , q , –q  …… q  हो तो णनकाय का कुल आवेि Q = q  + q  – q
                                                             1  2   3      n                          1    2   3
                    …… + q  होगा।
                            n
                        ं
               •  चालक णपर को णिया गया आवेि उसके बाह्य पृष्ठ पि ही िहता है औि यणि णपर में कोने नहीं है तो यह पूिे पृष्ठ पि समान रूप से णवतरित िहता
                                                                     ं
                 है। णकनतु कोने हों तो नोकीले णसिों पि आवेि अणधक परिमाि में एकणत्रत होता है।


            1.1.10 प्रगत्जताँच ह़े्ु प्रशनतावली  (????)

              A.  तनमनतलति् प्रशनों के चतार तवकलप तदए गए हैं। ्सही तवकलप कता                          [UPB 2004]
                चयन कीतजए।                       (प्रतयेक 1 अंक)    3.  8 कूलरॉम ऋि आवेि में उपक्सथत इलेकट्रॉनों की संखया है–
                                                                               19
              1.  ऋिावेणित वसतु में होती है–                          (i)  5 × 10          (ii)  2.5 ×10 19
                                                                                                    19
                                                                                 19
                 (i)  इलेकट्रॉनों की कमी   (ii) प्रोटोनों की कमी     (iii)  12.8 ×10      (iv)   1.6 × 10 [UPB 2004]
                 (iii)  इलेकट्रॉनों की अणधकता   (iv)   प्रोटोनों की अणधकता    4.  इलेकट्रॉन के आवेि औि संगणत का अनुपात है–
                                                  [UPB 2004]          (i)  1.76 × 10  C kg    (ii)   1.9 × 10  C kg –1
                                                                                 11
                                                                                                    12
                                                                                       –1
              2.  A एवं B िो सव्षसम धातु के गोले हैं। णिनमें प्रतयेक का द्रवयमान M है।   (iii)  1.6 × 10 –19  C kg    (iv)   3.2 ×10  C kg –1
                                                                                                    11
                                                                                      –1
                A को +q औि B को –q आवेि णिया गया है। आवेिन के बाि–
                                                                                                      [UPB 2016]
                 (i)  िोनों गोलों का द्रवयमान M ही िहेगा।
                                                                   5.   ऊँची  इमाितों  को  तणडत  प्रहाि  से  बचाने  के  णलए  तणडत  चालक  का
                 (ii)  िोनों गोलों का द्रवयमान बिाबि होगा णकनतु M से अणधक होगा
                                                                     आणवषकाि किने वाले वैज्ाणनक का नाम था–
                 (iii)  A का द्रवयमान M से अणधक होगा णकनतु B का द्रवयमान M  से
                    कम होगा।                                          (i)  वान रे ग्राफ    (ii)   बेंिाणमन फ्रैंकणलन
                                                                     (iii)   चालस्ष ऑगक्सटन रे कूलरॉम  (iv)   माइकल फैिार े
                (iv)  B का द्रवयमान M से अणधक औि A का M से कम होगा।
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