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4 CONCEPTUAL PHYSICS—XII
(iii) प्रेरण �तारता आवेशन (Charging by Induction): चालक चरण: 1 एक काँच की छर को ििम से िगड कि गोले A के पास
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णपरों को आवेणित किने के णलए प्राय: णवद्युत प्रेिि के प्रक्रम
ं
लाया िाता है। A B
का उपयोग णकया िाता है। इस प्रक्रम में मूल छर का आवेि चरण: 2 काँच की छर को यथा-सथान िखते हुए B को
यथावत् बना िहता हैं औि हम चाहे णितने णपरों को आवेणित
ं
A से कुछ िि हटा णलया िाता है।
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कि सकते हैं।
ू
X Y X Y चरण: 3 काँच की छड को िि हटा णलया िाता है।
++ – – ++ चरण: 4 A एवं B के बीच ििी काफी अणधक कि िी िाती है।
ू
A B
धन आवेणित छड अनावेणित छड
1.1.5 आवेशों कता ्सं्सूचन (Detection of Charges)
Fig. 1.2: णवद्ुत प्रेिि
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हमने यह तो सीख णलया णक णपरों को आवेणित कैसे किें, णकनतु हम यह
यणि हम एक आवेणित (माना धन आवेणित) णपर ‘A’ को कुचालक
ं
ं
कैसे पता किें णक कोई णपर आवेणित है या नहीं औि यणि वह आवेणित
ं
पृष्ठ पि िखे णकसी चालक णपर ‘B’ के णनकट लाते हैं तो णपर ‘A’ का
ं
धन आवेि णपर ‘B’ के अनिि मौिि कुछ मुति इलेकट्रॉनों को अपनी ओि हैं तो उस पि णकस प्रकाि का आवेि है। इस काय्ष के णलए णवद्युतििशी
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ू
(Electroscope) नामक यंत्र का उपयोग णकया िाता है। एक सिल प्रकाि
ं
ं
आकणर्षत कि लेता है णिससे णपर ‘B’ के णपर A के पास वाले णसिे x पि
का णवद्युद्दर्शी णचत्र 1.3 में ििा्षया गया है। इसे सवणषिपत्र तवद्ययुद्दर्शी (Gold
ू
णवपिीत (यहाँ ऋि) आवेि आ िाता है औि िि वाले णसिे y से इलेकट्रॉन
Leaf Electroscope) कहते हैं। इसमें एक धातु की छड होती है णिसे
णसिे x पि चले िाने के कािि वहाँ समान (अथा्षत धनातमक) आवेि आ
उधव्षधित: एक काँच के धािक में लटकाया िाता है। छर के ऊपिी णसिे पि
िाता है। (णचत्र 1.2) णकसी चालक के पास आवेणित णपर लाने से उसके
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णसिों पि इस प्रकाि णवपिीत आवेिों का प्रकटन तवद्य् प्रेरण (Electric एक धातु की घुंरी (या चकती) औि णनचले णसिे पि िो पतले सवि्षपत्र िरे
यु
िहते हैं। णवद्युद्दर्शी के उपयोग से पहले इसके सवि्ष पत्रों को एक ज्ात आवेि
Induction) कहलाता है। यणि हम णपर A को हटा लेते हैं तो इलेकट्रॉन
ं
प्रिान णकया िाता है। इसके णलए सवि्षपत्रों को धन आवेि िेना हो तो काँच
ं
वापस लौट िाते हैं औि णपर B णफि से पूि्षत: णनिावेणित हो िाता है।
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की छर को ििम से िगड कि णवद्युद्दर्शी की घंुरी से छुला णिया िाता है।
णपर B को प्रेिि �ािा आवेणित किने के णलए हमें बीच में एक चिि काँच की छर से धन आवेि धातु की छर से होता हुआ सवि्षपत्रों तक
ं
बढाना पडता है। छर B के णनकट धन आवेणित छर A लाने पि छर B पहुुँच िाएगा औि वे सवि्षपत्र िो एक िूसिे के समानति लटके थे समान
का णसिा x ऋि आवेणित औि णसिा Y धन आवेणित हो िाता है अब यणि आवेि पाकि एक िूसिे को प्रणतकणर्षत किेंगे औि अप्सतारर् (Diverge)
हम णसिे y को अपनी ऊँगली से छुएँ तो णसिे x का ऋि आवेि तो छर A
ं
हो िाऐंगे। अब यणि णवद्युद्दर्शी की घंुरी के पास कोई णपर लाएँ तो आप
के धन आवेि के आकर्षि से बंधा िहेगा णकनतु णसिे B का धन आवेि हमािे
ं
िेखेंगे णक णपर पि
ििीि से होकि पृथवी में चला िाऐगा (या अणधक सही िारा का इसतेमाल Brass disc
किें तो पृथवी से इलेकट्रॉन आकि णसिे y के धन आवेि को णनिसत कि िेंगे)
ू
ं
णकसी चालक के माधयम से आवेणित णपर से आवेि का िणम में सतांतिि
िू ्संपक कहलाता है। अब यणि छर B के णसिे y से ऊँगली औि णसिे x Insulator plug
्क
के सामने से छर A को एक साथ हटा णलया िाए तो छड ‘B’ पि णवद्मान Brass rod
आवेि इसके पूिे पृष्ठ पि फैल िाएगा औि छर B ऋि आवेणित हो िाएगी। Glass bottle
े
ं
यहाँ यह बात णविर रूप से नोट किें णक णनिावेणित णपर पि प्रेिि णवणध Gold leaves
से उतपन्न हुआ आवेि आवेिनकािी णपर की णवपिीत प्रककृणत का होता है। Metal foil
ं
Earth
सव० मू० प्र० 4:
(a) धातु का एक धन आवेणित गोला ‘A’ एक Fig. 1.3: सवि्षपत्र विद्युद्दर्शी
ििम के धागे �ािा ऊधवा्षधित: लटकाया (i) धन आवेि होगा तो प्रेिि �ािा सवि्षपत्रों पि उतपन्न हुआ
े
गया है। णवद्युतिोधी सटर पि लगा एक ++ अणतरिति धन आवेि उनहें औि अणधक अपसारित किेगा। अथा्षत
ैं
समरूप अनावेणित गोला ‘B’ इस गोले के A ++ B सवि्षपत्रों के खुले णसिे एक िूसिे से औि अणधक िि हटें तो यह
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पास लाया िाता है। गोला A गोले B की णपर पि धन आवेि की णवद्मानता का सूचक होगा।
ं
ओि आकणर्षत होता है औि इसे छूकि णफि (ii) ऋि आवेि होगा तो सवि्षपत्रों पि प्रेिि �ािा उतपन्न आवेि उन
ू
इससे िि हट िाता है। समझाईए णक ऐसा
पि णवद्मान धन आवेिों का परिमाि कम किेंगे औि सवि्षपत्रों
कयों होता है? के खुले णसिे एक िूसिे के णनकट आऐंगे। अथा्षत सवि्षपत्रों का
ैं
(b) णवद्युतिोधी सटरों पि एक िूसिे के संपक्क में िखें िो धातु के सव्षसम अति्सरर् (converging) होना इस बात का छोतक होगा णक
े
अनावेणित गोलों A एवं B को प्रिि �ािा आवेणित किने के णपर पि ऋि आवेि है।
ं
णनमनणलणखत चििों में आवेि णवतिि को णचत्र बनाकि ििा्षईए: