Page 3 - demo
P. 3

अध्या्—I : स्थिर विद्युविकी                                                                      3

            तिपपणी: चालक एवं कुचालक पिाथथों के णवरय में अणधक णवसताि से   टुकडा धन आवेणित हो िाता है।
            आप आगे के अधयाय में पढेंगे।                          इस चचा्ष से णनमनणलणखत तथय उििते हैं:

                                                                 •   घर्षि णवद्युत प्रक्रम में णिन िाे णपरों के बीच घर्षि किाया िाता है वे
                                                                                         ं
             सव० मू० प्र० 2:
                                                                    िोनों आवेणित होते हैं। एक पि धन आवेि औि िूसिे पि ऋि आवेि
               िो समरूप छडांे A एवं B को ििम के टुकड से सीधे हाथ में पकड कि
                                          े
                                 े
                                                                    आता है।
             िगडा िाता है तो A में कागि के छोटे टुकडों को अपनी ओि आकणर्षत
                                                                 •   आवेिन की यह प्रणक्रया इलेकट्ोनों के सथानांतिि के कािि होती है।
             किने की क्षमता आ िाती है णकनतु छड B में यह क्षमता नहीं आती, ऐसा
                                                                                    ं
             कयों होता है? समझाइए। इनहीं छडों को एक हाथ में एक ििम के टुकड  े  इलेकट्ोन ग्रहि किके णपड ऋि आवेणित हो िाता है औि इलेकट्रॉन
                                                  े
                                                                    खो कि यह धन आवेणित हो िाता है।
                          े
             से पकड कि िूसिे ििम के टुकरे से िगरें तो िोनों छडों में यह क्षमता
                                                                               ं
             आ िाती हैं। इस परिघटना की िी सपष्ट वयाखया कीणिए।    •   धन  आवेणित  णपर  पि  णितना  धन  आवेि  उतपन्न  होता  है,  ऋि
                                                                    आवेणित वसतु पि ठीक उतना ही ऋि आवेि उतपन्न होता है।
              1.1.3  पदताथिषि की प्रकृत् एवं आवेशन                    साथ िी गई साििी में कुछ पिाथथों के िोरे णिए गए हैं औि बताया
                  (Nature of Matter and Charging)                   गया है णक उनको पिसपि घर्षि किाने पि णकस पि धन आवेि आता
            संिवत: आप सोच िहे होंगे णक णकसी पिाथ्ष को कपरे से िगडने पि उसमें   है औि णकस पि ऋि आवेि।
            आवेि कहाँ से प्रकट हो िाता है? इस प्रशन का उत्ति आपकों िसायन
            णवज्ान में पिाथ्ष की संिचना संबंधी अपने ज्ान से प्राप्त होगा। आपने पढा है   रिरं ्सं॰  धन आवेश  ऋण आवेश
                                                                                               े
            णक पिाथ्ष अिुओ से औि अिु पिमािुओं से णमल कि बने होते हैं। प्रतयेक   1.  काँच की छर  ििम का कपडा
            पिमािु के केनद्र में एक िािी, धनावेणित नतातिकता (Nucleus) होता है   2.  फि या ऊनी कपडा  एबोनाइट या िबि की छड
            णिसके चािों ओि णवणिन्न कक्षाओं में ऋिावेणित इलेकट्रॉन (Electron)   3.  ऊनी कपडा    पलाक्सटक की िीट
            गमन किते हैं। कोई इलेकट्रॉन नाणिक से णितनी अणधक िि होता है वह   4.
                                                   ू
            उससे उतने ही कम बल �ािा बंणधत होता है। साथ ही इलेकट्रॉन नाणिक   सूखे बाल           कंधा
            की तुलना में बहुत ही हलका कि होता है। इसणलए द्रवय के पिमािुओं की
            बाह्यतम कक्षा में णवद्मान इलेकट्रॉनों को बहुत कम बल लगा कि इनसे    सव० मू० प्र० 3:
                                                                                                      े
            हटाया िा सकता है। धातुओं में ऐसा पिमािुओं के बहुत पास-पास आ     (i)   िब णकसी पलाक्सटक की बनी छर को ऊन के कपड से िगडा िाता
            िाने से नाणिकों औि इलेकट्रॉनों की पािसपरिक अनयोनयणक्रयाओं के कािि   है तो पलाक्सटक की छड पि णकस प्रकाि का आवेि आता है? (ii) कया
                                                                           े
            सवत: हो िाता है। णिससे बाहिी कक्षाओं के इलेकट्रॉन पिमािुओं से णवलग   ऊन के कपड पि िी कोई आवेि आता है? यह आवेि कहाँ से आते
                                                                                                      े
            होकि इनके नाणिकों के चािों ओि यतादृस्छिक गत् (random motion)   हैं? (iii) कया आवेिन के इस प्रक्रम में छड औि कपड के द्रवयमान में
            करने लगते हैं। ये मुक्त इलैक्ट्ान कहलाते है। कुचालक पदार्थों में मुक्त   िी कुछ अंति आता है? अपने उत्तिों के समथ्षन में तक्क िीणिए।
            इलेक्ट्रॉनों की संखया नगणय होती है।
                                                                                     ँ
                                                                   1.1.4  आवेशन तवतधयता (Methods of Charging)
               सामानय पिाथ्ष में नाणिकों के धन आवेिों का कुल योग उनके बाहि   णकसी आवेिहीन णपर के आवेिन के णलए हमें या तो उस पि इलेकट्रॉन
                                                                              ं
            के इलेकट्रॉनों के ऋि आवेिों के कुल योग के बिाबि होता है। अत: पिाथ्ष
                                                                 िमा किने होंगे या उससे इलेकट्रॉन हटाने होंगे। ऐसा हम तीन प्रकाि से कि
            णवद्युतीय दृक्ष्ट से आवेिहीन होते हैं अथा्षत वे धनातमक औि ऋिातमक   सकते हैं।
            किों से बने तो होते हैं णकनतु उन पि कुल आवेि िूनय होता है अत: वे
                                                                    (i)   घ्षिण �तारता आवेशन: इस णवणध का वि्षन हम ऊपि के अनुिागों
            आवेिों की णवद्मानता का कोई प्रिाव प्रकट नहीं किते। इस संपूि्ष मरॉरल
                                                                       में कि चुकें हैं। पलाक्सटक के सट्रॉ को कागि से िगर कि इसे
            में सपष्टत: धनवेणित नाणिक तो अपने-अपने सथान पि बने िहते हैं पि
            इलेकट्रॉनों में सथानांतिि हो सकता है।                      आवेणित णकया िा सकता है। यह आवेिन की मूल णवणध है। इस
                                                                       णवणध �ािा णकसी णपर को आवेणित कि लें तो उसका उपयोग
                                                                                     ं
               अब आप घर्षि �ािा आवेिन के प्रक्रम को आसानी से समझ सकते   किके आगे िी गई िो णवणधयों �ािा अनय णपरों को आवेणित
                                                                                                      ं
            हैं: िब आप िो आवेिहीन णपंडांे को पिसपि िगरते हैं तो कुछ इलेकट्रॉन
                                                                       णकया िा सकता है।
                         ं
                ं
            एक णपर से िूसिे णपर पि सथानांतरित हो िाते हैं। णिस णपर पि अणतरिति
                                                  ं
                                                                    (ii)   ्संपक्क  �तारता  आवेशन  (Charging by Contact):  िब
            इलेकट्रॉन आ िाते हैं वह ऋि-आवेणित हो िाता है औि णिससे इलैकट्रॉन
                                                                                   ं
                                                                                                     ं
            णनकल िाते हैं वह धन आवेणित हो िाता है। उिाहिि के णलए िब हम   णकसी आवेणित णपर को णकसी अनावेणित णपर से सपि्ष किाके
                                                                       हटा णलया िाता है तो आवेणित णपर से कुछ आवेि अनावेणित
                                                                                              ं
                         े
            काँच की छर को ििम से िगरते हैं तो कुछ इलेकट्रॉन काँच की छर से
                                                                         ं
                                                                                                             ं
             े
            ििम पि आ िाते हैं। इससे काँच की छर धन आवेणित हो िाती है औि   णपर पि सथानांतरित हो िाता है औि इस प्रकाि वह णपर िी
                                                                       आवेणित हो िाता है। इस प्रक्रम में िोनों णपरों पि सिातीय
                                                                                                      ं
             े
            ििम का टुकडा ऋि आवेणित हो िाता है। इसी प्रकाि िब एबोनाइट की
                                                                       (Similar) आवेि होता है औि आवेि िो णपरों में णवतरित हो
            छर को ऊन से िगडा िाता है तो कुछ इलेकट्रॉन ऊन से एबोनाइट की छड
                                                                                       ं
            पि चले िाते हैं। इससे एबोनाइट की छर ऋि आवेणित औि ऊन का     िाने के कािि पहले णपर का आवेि कम हो िाता है।
   1   2   3   4   5   6   7   8