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अध्या्—I : स्थिर विद्युविकी 17
आवेिों की णवद्युत क्षेत्र िेखाएँ ििा्षता है,औि णचत्र (v) एक दूसरे से कुछ (vi) वैद्युत क्षेत्र िेखाओं में तनी हुई रोणरयों की तिह ही लमबाई के
े
दूरी पर रखे दो बराबर ऋण वबनदु आवेिों की वैद्युत क्त्र रेखाएँ दिा्षता है। अनुणिि णसकुरने की प्रवृणत होती है। यह गुि णवपिीत आवेिों में
आकर्षि की वयाखया किता है।
(vii) इन िेखाओं में अपनी लमबाई की लमबवत् णििा में एक िूसिे से
िि हटने की प्रवृणत होती है। यह गुि समान आवेिों में प्रणतकर्षि
ू
की वयाखया किता है।
(viii) वैद्युत क्षेत्र िेखाएँ आकाि में बनि वृत्त नहीं बना सकती। कयोंणक
इसका तातपय्ष यह होगा णक एक ही णबनिु पि िखे धनातमक औि
ऋिातमक आवेिों का पृथक-पृथक अक्सततव संिव है औि वे
एक िूसिे को णनिसत नहीं किेंगे।
1.2.8.4 एक्समतान (Uniform) वैद्य् क्षेत्र:
यु
यणि णकसी क्षेत्र में वैद्युत क्षेत्र का परिमाि औि णििा प्रतयेक णबनिु पि एक
समान हो तो उस क्षेत्र में एकसमान वैद्युत क्षेत्र णवद्मान होता है। औि यणि
क्षेत्र का परिमाि या णििा या िोनों णिन्न णिन्न णबनिुओं पि णिन्न णिन्न हों
तो क्षेत्र को असमान (Non-Uniform) वैद्युत क्षेत्र कहा िाता है। एक
ू
समान वैद्युत क्षेत्र को एक ही णििा में इंणगत किती हुई समानििी पि खींची
Fig. 1.13: कुछ सिल आवेि णवनयासों की िैद्युतक्षेत्र िेखाएँ गई समांति िेखाओं �ािा णनरूणपत णकया िाता है औि धातु की समांति पलेटों
तिप्पणी: णचत्र (iv) एवं (v) में N ऐसे णबनिु हैं िहाँ कुल वैद्युत क्षेत्र का को बैटिी से िोड कि उन पलेटों के बीच उतपन्न णकया िाता है।
परिमाि िूनय है। ये णबनिु िोनों आवेिों का णमलाने वाली िेखा के केनद्रणबनिु + + + + + + +
हैं औि उिासीन णबनिु (Neutral points) कहलाते हैं। इन पि यणि हम
कोई आवेि िखे तो उसपि कोई वेि वैद्युत बल आिोणपत नहीं होता औि E E
वह यहाँ क्सथि बना िहता है।
– – – – – – –
यु
वैद्य् क्षेत्र ऱेिताओं के गुण (i) (ii)
यहाँ यह समझ लेना उपयुति होगा णक वैद्युत क्षेत्र िेखाएँ एक कालपणनक Fig. 1.13A: एकसमान वैद्युत क्षेत्र
णनरूपि है िो वैद्युत क्षेत्र के वयवहाि को सपष्ट किने के णलए णवकणसत
यु
णकया गया है। इन िेखाओं के णनमनणलणखत गुिों का उपयोग क्षेत्र वयवहाि 1.2.8.1 वैद्य् क्षेत्र की ्ीव्र्ता
को समझने के णलए णकया िाता है, िाे णचत्र 1.12 में ििा्षए गए णनरूपिों (Intensity of Electric field)
से िी सपष्ट है। णकसी आवेि के परित: उसके वैद्युत क्षेत्र की प्रबलता णवणिन्न णबनिुओं पि
(i) वैद्युत क्षेत्र िेखा का उद्भव धन आवेि से होता है औि समापन णिन्न णिन्न हो सकती है। इसणलए क्षेत्र को आवेि के परित: प्रतयेक णबनिु
के णलए परििाणरत किना होता है। ऐसा हम एक िौणतक िाणि के पिों में
ऋि आवेि पि।
किते हैं णिसे वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहा िाता है।
(ii) धन आवेणित चालक पृष्ठ से ये िेखाएँ अणिलमबवत् णनषक्रणमत
होती है औि ऋि आवेणित चालक पृष्ठ पि अणिलमबवत् ही वैद्युत क्षेत्र में णकसी णबनिु पि क्षेत्र की तीव्रता को हम उस णबनिु पि
समाप्त होती हैं। िखे, वयावहारिक रूप में नगणय, धनातमक पिीक्षि आवेि पि लगने वाले
बल प्रणत इकाई आवेि के रूप में परििाणरत किते हैं। यणि णकसी णबनिु पि
(iii) ये िेखाएँ संतत औि णनषकोि (Smooth) होती हैं िो यह ििा्षता
q आवेि िखने पि उस पि बल F लगे तो उस णबनिु पि वैद्युत क्षेत्र की
है णक वैद्युत क्षेत्र आकक्समक रूप से न तो समाप्त होता है औि 0
तीव्रता–
न ही णििा बिलता है।
F
(iv) कोई िी िो क्षेत्र िेखाएँ एक िूसिे को काट नहीं सकती कयोंणक यणि E = lim …(1.11)
q 0 → 0 q 0
वे ऐसा किें तो कटानणबनिु पि क्षेत्र की िो णििाएँ संिव हो िाऐंगी।
(v) क्षेत्र िेखाओं की आपेणक्षक णनकटता अथा्षत णकसी णबनिु के णनकट वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता एक सणिि िाणि है औि इसका 5g मात्रक
−2
इनकी सघनता उस णबनिु पि क्षेत्र की तीव्रता का सूचक है। –1 ( MLT ) –
NC है वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता का णवमोय सूत्र = MLT
णितनी पास-पास क्षेत्र िेखाएँ होंगी उतना ही प्रबल वहाँ णवद्युत 3 –1 ( AT )
A है।
क्षेत्र होगा।