Page 61 - केंद्रीय विद्यालय बड़ोपल ई- पत्रिका
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विद्याथी का जीिन









                      रोते रोते छोड़ गए मा बाप थक ू ल
                                                     ँ


                      अंदर जाक दिा तो रोना गए भूल
                                    े
                                        े


                      तया दिा ऐसा जो हो गए उन्ह  में मशगुल
                               े
                                                                    ं

                      दिा कक अंदर और भी बच्च रो रह थ                         े
                        े
                                                               े
                                                                         े

                      तभी एक व्यक्तत आया, लशक्षक अपन आप को बताया
                                                                            े


                      ववद्यालय क प्रथम चरर् पर उसन ह  बहलाया I
                                       े
                                                                         े


                      क ु छ हदन ऐस ह  बीते
                                         े



                      ऐस ह  िल िल में त्रबता थतर प्राथलमक भी
                                           े
                          े
                                    े
                      अब आया माध्यलमक थतर, बॉडम भी नह  था दूर




                      कठोर अनुशासन को दिकर मै थोड़ा घबराया
                                                      े


                      पर लशक्षक न अनुशासन का मागम हदिाया
                                         े









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