Page 14 - Navvihaan 2021 10-9-21
P. 14

े
                                                                                                       े
                                                           ै
                                                                      े
                य  सब आज सोच कर ब त मिा आता                        ोि  क  सलए  किर  एक  बार  पीटत  थे  ।

                                                                    े
                                               े
                      े
                                                                                                       े
                                                                                     े
                । दूसर का लिंच बॉक्स खािा, डस्क पर ससर            लककि एक बात य भी था कक उसक त रत
                                                                                                            िं
                          े
                    े
                                े
                                                                             े
                                                     े
                                          े
                िीच करक सोत  ए अपि पास वाल दोस्त                  बाद चॉकलट भी समल जाता था ।

                स  ि ू स-ि   साकर  बातें  करिा  हदल  को  बाग-
                  े
                                                                                                      े
                                                                        प ल  दोस्ती  और  द श्मिी  कवल  दो
                                                                            े
                बाग कर जाता  ।
                                ै
                                                                                                            े
                                                                                              िं
                                                                  उगसलयों का खेल था । दो उगली समला लिे
                                                                   ँ
                       म भी कभी  सा  करते थे बपरवा                स किर दोस्त बि जाते थ । दोस्ती म ि
                                                                    े
                                     िं
                                                                                                          े
                                                                                             े
                                                     े
                  िं
                                            े
                                        िं
                अदाज  में  और  आज   सि  में  भी  तमीज             कोई स्वाथि था,  ि  ी घमिंड । सभी लड़ते
                                                                                                              े
                 े
                                                                                    े
                                                                                े
                          े
                दखा करत  ैं । किर भी कभी-कभार बच्चों              थे, झगड़ते थ, लककि किर एक  ो जाते थ
                                      ँ
                                             े
                                                                      े
                                                                                                  ै
                 े
                क  सिंग  लौट  जाता     अपि  बचपि  में  ।          । लककि अब ऐसा ि ीिं  ोता   । आज तो
                                      ू
                उिक साथ कौवा-उड़, लूडो में बईमािी करि              बात-बात पर अिबि  ो जाता    ।
                                                                                                   ै
                                                           े
                                               े
                    े
                  े
                                                       े
                            िं
                स कभी ि ी चूकता । आजकल आम क पड़
                                                          े

                                                  िं
                पर मिंजर कब आत  ैं, पता  ी ि ी चलता |
                                  े
                                                                                         े
                                                                                  े
                                                                      दौलत भी ल लो, र् शोहरत भी ल लो
                                                                                                       े
                प ल तो छ   प-छ   प कर आम  तोड़ि का मिा
                    े
                                                  े
                                                                       भल छीि  लो म झस मरी िवािी ।
                                                                          े
                                                                                           े
                                                                                              े
                 ी क   छ और था । प ल शजक्तमाि सीररयल
                                        े
                                                                     मर्र म झको लौटा दो बचपि का सावि
                                           े
                              िं
                    े
                आि  का  इतजार  करत  थे,  अब  तो
                                                                   वो कार्ि की कश्ती वो बाररश का पािी ||
                िट्जफ़्लक्स, अमिि पर कभी भी दख लते
                                                          े
                                                    े
                  े
                                े
                                               े
                 ैं  ।  अब  तो  कवल  बाररस  क  मौसम  म                              *******
                                 े
                                                           े
                कागज  का  िाव  बिाकर  अपिी  तिं ाइयाँ
                  ँ
                बाट लता   ।
                      े
                           ँ
                           ू
                                                           ँ
                                                  े
                               े
                                          े
                      बचपि म चोट लगि पर रोत  ए  मा

                क पास आता और उिकी    ल्की सी ि ू क
                                                         ँ
                 े
                  े
                स  ी दद छ    मिंतर  ो जाता था । कभी तो
                         ि
                ऐसा भी  ोता था कक पापा ककसी गलती क
                                                           े
                सलए  पीट   ों  और   म  रोि  लगत  तो  च प
                         े
                                            े
                                                   े
                                                                 14
   9   10   11   12   13   14   15   16   17   18   19