Page 18 - Navvihaan 2021 10-9-21
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शीतल दास महावर
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लखापरीक्षक,
प्रशासि अि भाग
सशल्पकार बि, ख द पर चोट लगा,
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चला थौड़ा कसमयों पर, खूत्रबया लूटा |
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सूरज की तर चमकगा तरा म स्तकत्रबल,
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रौशिी क खानतर प ल ख द को जला ||
वक्त का आसलिंगि कर,
स ब को रा हदखा |
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उठा बीड़ा सिलताओिं का अपि किों पर,
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कमिपथ पर अकल चलि का सा स तो ज टा ||
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ि भूत में जी, ि भर्वष्य में जी,
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वतिमाि क सार श्रमघूट को पी |
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िर कमा ख द को र कसौटी पर परखि का,
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ो अजनि सा पावि, मि का बैर समटा ||
सशल्पकार बि, ख द पर चोट लगा,
ँ
चला थौड़ा कसमयों पर, खूत्रबया लूटा ||
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