Page 17 - Navvihaan 2021 10-9-21
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ा
                                                  े
                                             रािश क   मार शमा
                                                   े
                                         स ायक लखापरीक्षा अधिकारी,
                                                     े
                                                           ि
                                                  प ि निमाि







                                                               ै
                                        वा  र कोरोिो, अजीब   तेरी माया,
                                             े
                                        ईश्वर ि भी बड़ा र्वधचि   त झ बिाया।
                                                                      े
                                               े
                                                                 ै

                                                        ि
                                        छोटी  , पर बबादी की अद्भ त क्षमता त झमें हदखती  ,
                                                                                             ै
                                               ै
                                        ससर पर म क   ट प ि, त  दािावों की राजमाता लगती   II
                                                           े
                                                                                            ै

                                        क्या अि  - क्या परमाि , त  तो र्वषाि  बम  ,
                                                                                     ै
                                                   ै
                                        ताकत तो   त झमें, पर अक्ल त झम थोड़ा कम  ।
                                                                                        ै
                                                                           े
                                                         ै
                                                                                     ै
                                                                                  िं
                                                                   े
                                         म ह न्द स्तािी  , क्या त झ इतिा भी ि ी   पता,
                                        बस थोड़ा समय द द, कर देंग त झ भी लापता II
                                                                          े
                                                            े
                                                         े
                                                                     े

                                                    े
                                                                                            ै
                                        घर में डर क नछप गए  ैं  म, क्या तू ऐसा सोचती  ,
                                                  े
                                              े
                                        घर बैठ-बठ समटा देंग त झ, त म य  क्यों ि ी सोचती  ।
                                                            े
                                                                 े
                                                 ै
                                                                                    िं
                                                                                              ै
                                                                                    े
                                        अर तू तो चाईिा का समाि  , कब तक हटकगी,
                                                                     ै
                                           े
                                        सड़कों पर पड़े - पड़ ख द  ी मर-समटगी II
                                                           े
                                                                           े

                                                    े
                                                                               े
                                        ब त  आ तरा तमाशा, ब त हदया त मि निराशा,



                                        घर परशाि - घर वाल परशाि,
                                                             े
                                              े
                                                                 े
                                        शासि और प्रशासि परशाि |
                                                              े
                                                                 े
                                               े
                                        खत परशाि - ककसाि परशाि,
                                          े
                                        द निया का  र एक इन्साि परशाि ।
                                                                     े

                                                                                    े
                                        इन्सािों की इस परशािी का ह साब त झको दिा  ोगा,
                                                           े
                                        इन्सािों की इस कमि-भूसम स, जल्द  ी त झ र्वदा लिा  ोगा।
                                                                                  े
                                                                    े
                                                                                           े
                                                           ै
                                                                                            ै
                                                                                े
                                        तू तो एक र्वषाि   , मगर इन्साि त झस ब त बडा  ,

                                                                                            ै
                                                                                     े
                                        दख सोशल डडस्टससिंग को, तेरा अिंत तर सामि खड़ा   ||
                                         े
                                                        े
                                                                              े
                                                                             े
                                                                      ******

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