Page 16 - Navvihaan 2021 10-9-21
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हदिश वी. िार्राल
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स ायक लखापरीक्षा अधिकारी,
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कोंकि रल
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प ल शाम को जब मैं घर को आता था, बाग-बगीचे, चौरा पर,
रोटी खा कर सो जाता था, स्टशि, दफ्तर या सिर पर |
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ि ीिं र ता था कोई काम | जग कोई भी ि छोड़ी मर यार,
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व् ाट्सएप्प, यूट्यूब, इस्टाग्राम,
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पर अब व् ाट्सएप्प, यूट्यूब, इस्टाग्राम, आपि कर दी मरी िीिंद राम |
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आपि कर दी मरी िीिंद राम |
अब र वक्त मोबाईल ाथ में पकड़,
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भूल गया मैं स ब की आरती,
र ता मैं स ब -शाम |
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पौ िटि पर कस हदखी िरती | ू
व् ाट्सएप्प, यूट्यूब, इस्टाग्राम,
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बस र गया म झ एक ी काम, आपि कर दी मरी िीिंद राम |
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व् ाट्सएप्प, यूट्यूब, इस्टाग्राम,
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आपि कर दी मरी िीिंद राम | ******
िनि ाल ो या सस राल,
या जन्मा ो ककसी का लाल |
शादी, मातम, तीज-त्यौ ार,
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सभी जग बचा म झ एक ी काम |
व् ाट्सएप्प, यूट्यूब, इस्टाग्राम,
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आपि कर दी मरी िीिंद राम |
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