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ै
                                                                                     ं
               मकान मा#लक को दरवाजे पर ला खड़ा करता ह,           कहा नह!ं जा सकता। यू भी बfचे आLखर बfचे ह!
                                                                     g
                                                                                         7
                                                                                                      ै
               ‘सरकार  ने  अपने  कम चाKरय'  को  डी.ए.  क>  एक   तो  ह,  इतनी  छोट!  उŒ  म  9फलॉ फर  कसे  बन
                              ै
                                                                       g
               और 9क त द! ह, भई अब तो 9कराया बढाओ।              सकते ह?
                                                          ै
                                                                             े
                                                                         ं
                       1दल!प ऐसी बात अ&सर सोचता रहता ह।                यू  चाह आज उसका  भी मन  था  9क  वह
                                     7
                                                      ं
                       कहते  हg  9क  जब  इSसान  क  कध'  पर      बfच' को ‘5‹ज माक º ट’ से उनक> पसंद क> चीज7
                                                  े
               दा%य?व'  का  बोझ  पड़ता  ह  और  इन  दा%य?व'  क    Lखला कर लाए... गुलाब जामुन... रस मलाई... पर
                                        ै
                                                            े
                                                                      ु
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               %नव हन म वह क1ठनाइय' से मोचा  लेता ह तो इस       वह!  हआ  िजसका  भय  था।  लौटते  हए  प?नी  ने
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               ि थ%त  म  वह  9फलॉ फर  हो  जाता  ह।  पता  नह!ं   कहा, बिnक पूछा, ‘‘थोड़ा और घूम लेते हg। अभी
                                                  ै
                                                                                      ु
               &य' 1दल!प ब#सर-पैर क> सोचता रहता ह। बे#सर-       समय भी अUधक नह!ं हआ?’’ +ायः सवाल ह! तो
                            े
                                                     ै
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               पैर क> ह! तो... अब होल! खेलने क #लए बfच'         करती ह वह!
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                                                                             े
               को  Pपचकार!  नह!ं  ला  कर  द!  तो  बfच'  ने  क ु छ      यू  चाह  प?नी  ने  उसक  मन  को  ह!  पढ़ा
                                                                                            े
                                                                         ं
               नह!ं कहा। उSह होल! क 1दन बाजार घुमाने नह!ं       था...  संzया  समय  स?तरह  सै&टर  घूमना  हमार
                                                                                                             े
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               ले  गया,  कोई  Uगला  नह!ं  9कया।  ?यौहार  क  1दन   जैस' क #लए एक उपलhधी माना जाता ह।
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               बfच' क #लए क ु छ Pवशेष सामान खर!द कर नह!ं               प?नी  भावPवह!न  चेहरा  #लए  शोकस'  म
                                                                                                       े
                                                                                                             7
               ले गया... मन मसोस कर रह गए वे। उSह'ने कहा        टगी साZडय' व अSय चीज' पर #सफ %नगाह भर

                                                                 ं
               तो क ु छ नह!ं पर, 9फर भी वह खाहम{वाह सोचता       ह! डाल रह! थी। 9कसी +कार क> कोई +%त9$या
               रहा।                                             नह!ं  Dय&त  कर  रह!  थी।  रग-5बरगी  रोश%नय'  से
                                                                                         ं
                                                                                               ं
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                       यू  बfचे  अब  समझदार  होते  जा  रह  हg।   जगमगाते  शोकस'  क  शीश'  पर  अपनी  दोन'
                                                                                    े
                                                         े
                                                                              े
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               खान-पीने और खेलन क> चीज' क #लए िजद नह!ं          हथे#लयां 1टकाए बfचे अंदर रखी आयटम' को बड़ी
                                  े
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                                                                                               े
               करते।  शी¥  ह!  समझौता  भी  कर  लेते  हg  पर     हसरत  भर!  %नगाह'  से  दख  रह  थे।  कई  बार
                                                                                         े
                                        े
               अ&सर +`न भी खड़े कर दते हg। िजसक> वजह से          िजसक> वजह से उनका नाक भी Pपचक जाता था।
               उसक  मन  म  काफ>  दर  तक  परशानी  भी  बनी               बfचे खुश थे बहत।
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                      ै
               रहती  ह।  जब  तक  कोई  नया  सवाल  न  खड़ा  हो
                                                                                                     े
                                                                       म ती  म  झूमते  चले  जा  रह  थे  9क
                                                                                7
               जाए, मौजूदा +`न Pप2ड ह! नह!ं छोड़ता।
                                                                                                             े
                                                                                                      े
                                                                अचानक Lखलौन' वाल! एक बड़ी दुकान क सामन
                                        े
                       ‘‘आज बाजार चलग पापा?’’                   kक गए। दोन' न एक दूसर क> ओर दखा। छोट!
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                                                                                                    े
                                                                                         े
                                                                                े
                       इससे पूव  9क कोई और +`न उ?पSन हो         बfची  ने  एक  बड़ा  सा  सवाल  खड़ा  कर  1दया।
                                     7
               1दल!प  का  #सर  हां  म  1हल  गया।  हालां9क  वह   सामने शोकस म रखा वह Lखलौना...?
                                                                          े
                                                                               7
               अfछt तरह से जानता ह 9क बाजार से गुजरते हए               1दल!प न उस बहत समझाने क> को#शश
                                     ै
                                                           ु
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                                                                                        ु
               उसक +ाण सूल! पर लटक रहते हg।                     क>।  हर  तरह  से।  हर  एंगल  से।  उसे  अकाल  का
                                      े
                    े
                                                        7
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                       बाजार क भDय शीशे क शो कस' म सजे          खौफ भी 1दखाया, ‘‘बेटा, Jहार गांव म काळ पÆया
                                                                      ै
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                             े
               Lखलौन'  को  दख  कर  बfचे  कब  बfचे  बन  जाए,     हआ ह आजकल...’’
                                                                 ु
               मई – जुलाई                             58                                                                   लोक ह ता र
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