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8                           THE   GAZETTE   OF  INDIA : EXTRAORDINARY                   [PART III—SEC. 4]

               13. साधारण बीमाकता   और  वा  य बीमाकता    ारा िनग त  वा  य पॉिलिसय  का नवीकरण (या ा और वैयि क

                    दुघ टना पॉिलिसय  पर लागू नह )

                    i.    एक  वा  य बीमा पॉिलसी धोखाधड़ी, नैितक जोिखम अथवा गलत बयानी अथवा बीमाकृत  ि   ारा
                           असहयोग के कारण  को छोड़कर सामा यतः नवीकरण यो य होगा, बशत   क पॉिलसी को वापस नह
                           िलया गया हो।


                    ii.   बीमाकता   वा  य बीमा पॉिलसी के नवीकरण को इस कारण से अ वीकार नह  कर सकता  क बीमाकृत
                            ि  ने पूव वत  पॉिलसी वष  म  दावा अथवा दावे  कये थे, केवल लाभ आधा रत पॉिलिसयाँ इसके िलए
                           अपवाद ह  जहाँ गंभीर अ व थता पॉिलसी जैसी पॉिलसी के अंतग त रि त लाभ का भुगतान करने के बाद
                           पॉिलसी समा  हो जाती है।


                    iii.   बीमाकता  नवीकरण क  िनयत तारीख से 30  दन तक नवीकरण म  िवलंब क  छूट देने के िलए  व था
                           करेगा और ऐसी छूट को पॉिलसी म   मभंग के   प म  नह  समझा जाएगा।  तथािप, ऐसी अविध के िलए

                           बीमार ा उपल ध कराने क  आव यकता नह  है।

                    iv.    ो साहन  साम ी  और  पॉिलसी  द तावेज  म   वे  शत    प    प  से  बताई  जानी  चािहए,  िजनके  अंतग त
                           पॉिलसी समा  हो जाती है, जैसे गंभीर अ व थता लाभ पॉिलिसय  के मामले म  लाभ का भुगतान करने
                           पर पॉिलसी समा  हो जाती है।

               14. िनःशु क अवलोकन (   लुक) अविध

                    (i) एक वष  से कम अविध से यु  पॉिलिसय  को छोड़कर, जीवन बीमाकता  , साधारण बीमाकता   और  वा  य
                    बीमाकता    ारा जारी क  गई सभी नई वैयि क  वा  य बीमा पॉिलिसय  क  एक िनःशु क अवलोकन अविध
                    होगी।  उ  िनःशु क अवलोकन अविध पॉिलसी के  ारंभ म  लागू होगी तथा

                    (1) बीमाकृत  ि  को पॉिलसी क  शत  क  समी ा करने और य द पॉिलसी  वीकाय  नह  है तो उसे लौटाने के
                    िलए पॉिलसी क   ाि  क  तारीख से कम से कम 15  दन क  अविध क  अनुमित दी जाएगी।

                    (2) य द बीमाकृत  ि  ने उ  िनःशु क अवलोकन अविध के दौरान कोई दावा नह   कया है, तो बीमाकृत  ि

                    िन िलिखत के िलए पा  होगा—(क)  द   ीिमयम क  वापसी िजसम  से बीमाकृत  ि य  क  डॉकटरी जाँच के
                    संबंध म  बीमाकता   ारा  कये गये कोई भी  य और मु ांक ( टै प) शु क  भार घटाये जाएँगे अथवा (ख) जहाँ

                    जोिखम  ारंभ हो चुका है और पॉिलसी वापस करने के िवक प का  योग पॉिलसीधारक  ारा  कया गया है, वहाँ
                    बीमार ा संबंधी अविध के  िलए आनुपाितक जोिखम  ीिमयम के िलए कटौती क  जाएगी अथवा (ग) जहाँ केवल
                    बीमार ा  का  एक  भाग  ही   ारंभ   आ  है,  वहाँ  ऐसी  अविध  के  दौरान  बीमार ा  के  अनु प  ऐसा  आनुपाितक

                     ीिमयम; (घ) यूिनट सहब  पॉिलसी के संबंध म  उपयु   कटौितय  के अित र , बीमाकता  पॉिलसी क  वापसी क
                    तारीख क  ि थित के अनुसार यूिनट  क  क मत पर यूिनट क  पुनःखरीद करने के  िलए भी हकदार होगा।

               15. जीवन, साधारण और  वा  य बीमाकता    ारा बीमा-पूव   वा  य जाँच के  य के संबंध म   वहार करने का
                    तरीकाः

                    i.     कसी भी बीमा-पूव  डॉ टरी जाँच का  य सामा यतः  ीिमयम क  गणना करने म  अनुमित- ा   य  का
                           भाग बनेगा।  तथािप, एक वष  और उससे कम अविध से यु  उ पाद  के  मामले म  य द ऐसा  य बीमाकृत

                            ि   ारा  कया जाना अपेि त है, तो   ताव को  वीकार करने के बाद ऐसे  य का 50% से अ यून
                           अंश बीमाकता   ारा वहन  कया जाएगा, और केवल या ा बीमा पॉिलिसयाँ इसके िलए अपवाद ह ।










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