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12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART III—SEC. 4]
अ याय IV : वा य बीमा पॉिलिसय का बंध
येक जीवन बीमाकता , साधारण बीमाकता और वा य बीमाकता जैसा लागू हो, िन िलिखत को सुिनि त करेगाः
26. पॉिलसीधारक के िहत का संर णः
येक बीमाकृत ि को संबंिधत दशािनद श म ािधकरण ारा िविन द प म एक ाहक सूचना प क
उपल ध कराया जाएगा। बीमाकता आव यक णािलयाँ, काय िविधयाँ, काया लय और बुिनयादी संरचना थािपत
करेगा ता क 24 घंटे के आधार पर पूव - ािधकरण का कुशल िनग म तथा दाव और िशकायत का व रत िनपटान
कया जा सके।
27. बीमाकता ारा दावे का िनपटान/ अ वीकरणः
i. बीमाकता दावे का िनपटान अथवा अ वीकरण, जैसी ि थित हो, अंितम `आव यक' द तावेज क ाि से
तीस दन के अंदर करेगा।
ii. उन मामल को छोड़कर जहाँ कसी धोखाधड़ी का संदेह हो, सामा य प से पॉिलसी क शत म सूचीब
न कया गया कोई भी द तावेज `आव यक' नह समझा जाएगा। बीमाकता यह सुिनि त करेगा क दाव
पर कार वाई के िलए अपेि त सभी द तावेज एक ही बार म मँगाये जाएँगे तथा द तावेज क माँग थोड़ी-
थोड़ी करके नह क जाएगी।
iii. सूचना जो बीमाकता ने ताव को वीकार करते समय ताव फाम म संगृहीत क है, पॉिलसी के अंतग त
तािवत शत , पहले के दाव के ारा कट ए प म िच क सा का पूव वृ , य द कोई हो, तथा पूव के
दाव का अनुभव बीमाकता ारा इले ॉिनक अिभलेख के प म अनुरि त कया जाएगा तथा बाद के
दावा िनपटान के समय़ पॉिलसीधारक/ बीमाकृत ि से पुनः नह माँगा जाएगा।
iv. बीमाकता एक अविध िनधा रत कर सकता है िजसके अंदर दावा करने के िलए पॉिलसीधारक/ बीमाकृत
ि ारा सभी आव यक दावा द तावेज तुत कये जाने चािहए। तथािप, य द िवलंब के िलए वैध
कारण ह तो ऐसी अविध के बाद दािखल कये गये दाव पर भी िवचार कया जाना चािहए।
v. येक बीमा दावे का िनपटान पॉिलसी संिवदा क शत और दाव के िनपटान को िनयंि त करने वाले
वत मान िविनयम के अनुसार कया जाएगा। कसी भी दावे को बीमाकता क बिहय म बंद नह कया
जाएगा।
28. पॉिलसी द तावेज म यूनतम कटीकरणः समय-समय पर यथासंशोिधत आईआरडीए (पॉिलसीधारक के िहत का
संर ण) िविनयम, 2002 म िनधा रत अपे ा को अित र , पॉिलसी द तावेज म िन िलिखत िनिहत ह गेः
i. इस िविनयम के अनुसार अपेि त कटीकरण क सूची।
ii. य द दाव पर कार वाई के िलए अपेि त सभी दावा द तावेज के साथ दावा तुित के िलए समय-सीमा का
पालन नह कया जाता, तो दाव क तुित क या, समय-सीमाएँ और कार वाई का संभािवत म।
iii. वा य बीमा उ पाद म तािवत कसी भी बीमार ा पर लागू उप-सीमाएँ तथा उ पाद म द अ य
बीमार ा पर ऐसी उप-सीमा का भाव प प से सूिचत कया जाएगा।
iv. समय-समय पर यथाआशोिधत आईआरडीए (पॉिलसीधारक के िहत का संर ण) िविनयम, 2002 के िविनयम
9(6) के अनुसार पॉिलसी द तावेज म दंडा मक याज का ावधान अिनवाय तः शािमल कया जाएगा।
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