Page 114 - IC23 life insurance application
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                    ii.  सभी जीवन बीमाकता , साधारण बीमाकता  और  वा  य बीमाकता  एवं तृतीय प   बंधक (टीपीए), जैसी

                        ि थित हो, व र  नाग रक  के  वा  य बीमा संबंधी दाव  और िशकायत  का समाधान करने के िलए एक अलग
                        मा यम  थािपत कर गे।

               24. ब िवध पॉिलिसयाँ

                    i.  पॉिलिसय  क  शत  के अनुसार बीमाकृत घटना के घ टत होने पर िनयत लाभ  दान करने वाली ब िवध
                        पॉिलिसय  के मामले म    येक बीमाकता  इसी  कार क  अ य पॉिलिसय  के अंतग त  ा  भुगतान  से अलग,
                        पृथक्  प से दाव  का भुगतान करेगा।

                    ii.  य द बीमाकृत  ि   ारा िच क सा  य  क   ितपू त क  जाने के िलए एक या उससे अिधक बीमाकता   से
                        एक अविध के दौरान दो या उससे अिधक पॉिलिसयाँ ली जाती ह , तो पॉिलसीधारक के पास यह अिधकार
                        होगा  क अपनी पॉिलिसय  म  से  कसी भी पॉिलसी क  शत  के अनुसार अपने दावे के िनपटान क  अपे ा करे।

                          1.  ऐसे सभी मामल  म  वह बीमाकता  िजसने चयिनत पॉिलसी जारी क  हो, उ  दावे का िनपटान करने
                              के िलए बा य होगा, जहाँ तक दावा चयिनत पॉिलसी क  सीमा  के अंदर और उसक  शत  के अनुसार

                              हो।
                          2.  अ य  पॉिलसी/पॉिलिसय   के  अंतग त  दावे,  पहले  चयिनत  पॉिलसी/  पॉिलिसय   म   बीिमत  रािश  के
                              समा  होने के  बाद  कये जा सकते ह ।

                          3.  य द दावा क  जाने वाली रािश कटौती-यो य रािशय  अथवा सह-भुगतान (को-पे) पर िवचार करने के

                              बाद  कसी एकल पॉिलसी के अंतग त बीिमत रािश से अिधक हो जाती है, तो पॉिलसीधारक के पास उन
                              बीमाकता   का चयन करने का अिधकार होगा िजनसे वह शेष रािश का दावा करना चाहता/ चाहती
                              है।

                          4.  जहाँ बीमाकृत  ि  के पास  ितपू त आधार पर एक ही जोिखम क  र ा करने के िलए एक से अिधक
                              बीमाकता   से ली गई पॉिलिसयाँ ह , वहाँ बीमाकृत  ि  को केवल चयिनत पॉिलसी क  शत  के
                              अनुसार अ पताल म  भत  के  य  क   ितपू त क  जाएगी।

               25. नवीकरण  पर अित र   भार (लो डग):


                    i.    वैयि क उ पाद  के िलए, नवीकरण पर लो डग समूचे संिवभाग के िलए   तािवत  ीिमयम  म  वृि  या
                           कमी के अनुसार ह गे और वे  कसी वैयि क पॉिलसी दावा अनुभव के आधार पर नह  ह गे।

                    ii.     तािवत छूट  और लो डग :

                           1.  बीमाकता  के  िववेकानुसार नह  ह गे;

                           2.  एक व तुिन  मानदंड पर आधा रत ह गे;

                           3.  उ े य मानदंड  के  साथ  ॉ पे टस और पॉिलसी द तावेज म   ारंभ म  ही  कट  कये जाएँगे तथा
                               उ पाद फाइ लग  दशािनद श  के अंतग त अनुमो दत  प म  ह गे।

                    iii.   कोई भी बीमाकता  नवीकरण के  तर पर डॉ टरी जाँच, नये   ताव फाम  आ द क  माँग करते  ए नये
                           जोिखम-अंकन का सहारा नह  लेगा, जहाँ   तािवत बीिमत रािश म  कोई प रवत न नह  हो।  बशत   क
                           जहाँ जोिखम  ोफ़ाइल म  सुधार हो, वहाँ बीमाकता  नवीकरण के िब दु पर लो डग  को हटाने के िलए उसे
                            वीकार करने के  िलए  यास कर सकता है।










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