Page 25 - E-Book 22.09.2020
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जैव िविवधता
डॉ. मधुिमता राय
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जैव िविवधता का प चय:
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पृ वी पर िविवध कार का जीवन िवकिसत आ है जो मानव क अि त व म आने क साथ ही
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उसक आव यकता को पूण करता रहा है और आज भी कर रहा है । कित म अनेकानेक कार क पादप
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एवं जीव-ज तु ह जो प ि थितक त क अनु प िवकिसत एवं िव ता त ए ह और उनका जीवन च
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िमक प से चलता रहता है जब तक पयावरण अनुकल रहता है । जैसे ही पयावरण म ितकलता आती
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है, पा ि थितक च म ित म आने लगता है । जीव-ज तु एवं पादप पर संकट आना ार भ हो
जाता है । यही कारण है वत मान िव म अनेक जैव जाितयाँ िवलु हो गई ह और अनक संकट त
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ह । इसी कारण आज जैव िविवधता क ित िव सचेत है और अनेक िव संगठन तथा सरकार इनक
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संर ण म य शील ह । यह आव यक है य पा ि थितक च म जीव एवं पादप आपसी सामंज य
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एवं स तुलन रा ही न कवल िवकिसत होते ह अिपत स पूण पयावरण को सुर ा दान करते ह । य इस
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च म वधान आता है अथवा कछ जीव िवलु हो जाते ह तो प णाम व प स पूण च म बाधा आ
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जाती है जो पयावरण म अस तुलन का कारण होती है और मानव सिहत स पूण जीव-जगत क िलए संकट
का कारण बनती है । जैव िविवधता पर वत मान म सवा िधक संकट हो रहा है तथा ितवष हजार
जाितयाँ िवलु होती जा रही ह ।
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जैव िविवधता क कार :
अनुवांिशक जैविविवधता- एक ही जाित म पाई जाने वाली जीन संबंधी िविवधता है।
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जातीय जैविविवधता- िविभ जाितय क म य पाई जाने वाली िविवधता ह ।
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िवषुवत रखीय वषा वन को जैव िविवधता का हॉट पॉट कहा जाता है य यह िव का
सवा िधक जैव िविवधता वाला पा ि थितक तं है। सवा िधक जैव िविवधता भूम यरखीय देश म
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और िवषुवत रखीय सदाबहार वन म पाई जाती है तथा ुव पर जैव िविवधता कम पाई जाती है।
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िजसका कारण वहाँ का वातावरण एवं प ि थितक तं है। पा ि थितक तं एवं जैव िविवधता यह एक
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े क िविवधता या पा तं क आधार पर पाई जाने वाली िविवधता है। जैव िविवधता क समृि
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पा तं क थरता तथा संतुलन को िनधा त करते ह ।
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भारत म जैव िविवधता क हॉट पॉट:
ऐसा े जहां पर ब त अिधक जैव िविवधता होती है वहां पर िवलुि क कगार पर प ंचने वाले
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दुल भ जाितय क अिधकता होती है बायोडायव टी हॉट पॉट कहलाते ह इसक अवधारणा
सव थम 1981 म नॉम न युमस ने तुत क थी। िव म कल 25 हॉट पॉट े ह ।
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