Page 28 - E-Book 22.09.2020
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जैव-िविवधता पर ही हमारी दुिनया क रह सकती है इसिलए सी भी कार को सम
उ मूलन से तभी बचाया जा सकता है जब मनु य अपनी संहारक वृि को छोड़ कर संर ण का दृि कोण
अपनाए। मानव अि त व क र ा क िलए जैव-िविवधता आव यक है इस स य को येक मानव को
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समझना होगा। संर ण िवशेष का मानना है पृ वी पर पयावरण तथा जैव-िविवधता क सुर ा का
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मानव क िलए यह अंितम अवसर है। य वह समय रहते सचेत नह आ तो कित से िवमुख होना उसक
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िलए अंततः आ म घाती िस होगा। भारत रा संर ण क शा म उठाए जा रहे कदम सराहनीय ह ,
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तु इस शा म और अिधक सकारा मक कदम उठाने क आव यकता है।
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