Page 33 - E-Book 22.09.2020
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जंगल क लाभ
अिभषेक चं िम ा
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जंगल कित क ब त बड़ी देन ह । कछ लोग जब हजार मील तक फले जंगल को देखते ह तो यह
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सोचते ह धरती क इतने बड़े िह से थ य पड़े ह । इनक थान पर बड़े-बड़े नगर बसाए जा सकते है ।
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परतु वे यह नह जानते मनु य क खुशहाली तथा सुख क िलए ये जंगल अिनवाय ह । िजस कार सी
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बड़े शहर क वा य क िलए बाग तथा तालाब होना आव यक है इसी कार सी देश क वा य क िलए
जंगल का होना अिनवाय है ।
देश पी शरीर म जंगल फफड़ क भांित ह । िजस कार फफड़े न ह तो ि क सांस घुट
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जाती है, उसी कार य जंगल न ह तो देश क सांस घुट जाएगी । जंगल क शानदार नजार ि क
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इस भूख को युग -युग से शांत करते आए ह । मनु य सदा कित क इस महान सुंदर रचना क ओर
आक त होता रहा है । पुरातन काल म ऋिष जंगल म रहकर तप या करते थे । शायद ही कोई ऐसा
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दु तानी महापु ष होगा िजसका संबंध जंगल से न रहा हो ।
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ी रामचं जी ने चौदह वष का वनवास काटा । महा मा बु ने भी घने जंगल म बोिध वृ क
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नीचे बैठकर ान ा या । ारभ म जब शहर तथा बि तयां नह बसी थ तब जंगल ही मन य का घर
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था । आज भी जब हम शहर म बाग लगाते ह तो इसक पीछ भी मनु य क ह याली को अपने सम पाने
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क इ छा रहती है । इसम कोई संदेह नह बड़े-बड़े शहर बनाकर मनु य ने ब त उ त क है । पर तु
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जैसे-जैसे मनु य जंगल क खुले-डले जीवन से दूर होता गया तथा लोहे सीमट तथा ट क पंजर म अपने
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आप को कद करता गया है, उसक वा य म भी िगरावट आती गई है ।
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अ क संकट क कारण कछ देश म सरकार ने ब त सार जंगल काटकर जमीन को उपजाऊ
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बनाकर खेती क ह । ारभ म तो यह तजुबा ब त काम आया परतु शी ही लोग को अपनी इस मूखता
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क सजा िमलनी ारभ हो गई । जंगल क काट जाने से कदरत क कानून क अनसार जलवायु म ब त
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बदलाव आया है । िव ान का िनयम है जंगल से वातावरण शीतल रहता है । जब बादल समु क ओर
उड़कर आते ह तो म थल क ऊपर से िबना बरसे चले जाते है ।
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जब जंगल क ऊपर से गुजरते ह तो वायुमंडल ठडा होने क कारण वषा होती है । यही कारण है
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जंगल से ढक होने क कारण पवत पर ब त वषा होती है तथा म थल पर कम वषा होती है । सरकारी
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पोट म माना गया है जहां-जहां भी जंगल काट गए ह वहां-वहां वषा कम होती है । कम वषा क कारण
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हर कार क इलाक बंजर हो गए ह ।
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