Page 29 - E-Book 22.09.2020
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सोशल मीिडया बनाम व छता अिभयान
िविपन िबहारी दुबे
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भारत क रा पता ी मोहनदास करम च द गांधी महा मा गांधी क नाम से जाने जाते है। गांधी
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जी क जयंती पर ‘‘ व छ भारत अिभयान’’ क न व 2 अ टबर, 2014 म माननीय धानमं ी ी नर
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मोदी जी रा रखी गयी थी, िजसक मुहीम यु तर पर पूर देश म फलाने म सोशल मीिडया, समाचार
प एवं समाचार चैनल का मह वपूण योगदान रहा। व छ भारत अिभयान का मूल ल य गिलय , सड़क
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को साफ-सुथरा रखना एव कड़े का उिचत बंधन करना है। इस अिभयान क तहत सरकार ने 2 अ टबर
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2019 तक ‘‘खुले म शौच मु भारत’’ का ल य रखा था, िजसक तहत सड़क क नार एव गांव म घर-
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घर शौचालय का िनमाण कराया गया। पर तु, उनक साफ-सफाई, रख-रखाव का उिचत ब ध न होने क
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कारण आज पूव म िन त शौचालय क दशा ब त ही दयनीय है। वह शौचालय िनमाण क कारण जन
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ितिनिधय ने सोशल मीिडया पर खूब सु खयां बटोरी तु वत मान म दरवाज , है डप प इ या क
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मर मत क िलए आवं त बजट क जमाखोरी म तता क कारण सोशल मीिडया पर फोटो अपलोड करने
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का समय ही नह बचा। व छ भारत अिभयान क तहत सड़क एवं गिलय म सफाई झाड लगाते ए कई
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राजनेता एंव अिधका य क फोटो सोशल मीिडया पर देखने को िमली, जब हक त कछ अलग ही
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बयां करती है। य नेताजी एवं जनता इतनी जाग क हो गयी होती तो बीते 6 वष म आज भारत सफाई
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क दृि कोण से थम थान पर होता। वैसे तो भारतीय सं कित म व छता तो ाचीन काल से ही समािहत
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ह । हमार गांव एवं शहर क लोग मु त म सव थम अपने घर एवं गिलय क साफ-सफाई करना एवं
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मु य र पर रगोली बनाते थे, पर तु आज सोशल मीिडया एवं व छता अिभयान म ा राजनीित क
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कारण आमजन-मानस का यान अपनी सं कित से हटकर सु खयां बटोरने तक ही सीिमत रह गया ह ।
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सोशल मीिडया पर फोटो अपलोड होने क बाद सबको लाइक, कम ट एवं शेयर क चता रहती है। सु खयां
बटोरने क बाद महोदय खुद ही अपन गली मोह ल म गंदगी फला रहे होते है। यह कहावत ऐसे लोग पर
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सटीक बैठती है
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‘‘हाथी क दांत खाने क कछ और, और खाने क कछ और’’।
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पैस क बरबादी व सोशल मीिडया पर सु खयां बटोरने क बाद ऐसे महोदय सब भूल चुक होते है।
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असल म अिभयान तभी कारगर हो सकता है जब आमजन एव महोदय क मन क गंदगी साफ हो। तब ये
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कहावत यथावत होगी
‘‘आप भले,तो जग भला’’।
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