Page 30 - E-Book 22.09.2020
P. 30

कोरोना- एक द तक

                                                                                        डॉ.  ाची गंगवार





               भाग रहा था हर कोई उन ल य  क ओर जो िनत नये ल य खोज रहे थे,

               हम सब िनत वत मान म रहकर भी सुनहर भिव य क सपने को पा लेने क चाह म जी रहे थे ।
                                                           े
                                                   े



                ुत गित से  वािहत जीवन थाम गया ये कोरोना,
               रोका तो हम, पर मानव का मानवता से पुनः िमलन करा गया ये कोरोना,

                या  या िसखा गया ये कोरोना,  या  या िसखा गया ये कोरोना ।।
                       भय और आशंका से कोरोना ने मानव को इतना डरा  या,
                                                                    द
                                                 क
                                                                    द
                        ं
                       इसान ने माँ, बाप, बहन, भाई  सी को भी कांधा न  या ।

                       मानव क सू मता और भंगुरता का अहसास करा गया ये कोरोना,
                       उसे आव यकता और िवलािसता क म य का भेद समझा गया ये कोरोना ।
                                                    े
                        या  या िसखा गया ये कोरोना,  या  या िसखा गया ये कोरोना ।।



                                                           द
               जीवन लेते  ए, कोरोना ने पयावरण को जीवन है  या,
               थमी,  क  जदगी ने पयावरण को पुनः   फ त है  या,
                                                      ट
                                                     ु
                                                            क


               हमारी िजजीिवशा हम  इस काल से सभी िनकालेगी,

               पर इस बार  यान हम रखना होगा,

               इस समय क   त  क पहचान और पयावरण का मान हम रखना होगा ।।
                           र


                         े

                                                       ***********



























                                                           29
   25   26   27   28   29   30   31   32   33   34   35