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िोई फि्फ नहीं पड़ता कयोंकि जीतने वाला होगा तो दकलत
ही. एि तरह से वे िहना चाह रही थीं कि कचत भी ्ेरी िेंकैया नायडू बने
पट भी ्ेरी. ्गर यह उनिा कदलासा भर ही हो सिता है.
प्रधान्ंत्ी नरेंद्र ्ोदी िे कलए यह सुनहरा दौर है.
उनिा हर दांव सही पड़ रहा है. ्ोदी और अक्त शाह िी भाजपा की पसंद
जोड़ी ने सारी चीजें अपने अनुिूल िर ली हैं. तीन साल
हो गए ्ोदी सरिार िो पर कवपक्ष अभी ति िोई ऐसा
्ौिा नहीं तलाश सिा है, कजससे ्ोदी सरिार िो घेरा रिना पांडेि
जा सिे. इसिे ऊपर कवपक्ष िे पास िोई सव्ण्ानय नेता
नहीं है. नीकतश ने दांव दे कदया और ्ुलाय् कसंह प्रकतपक्ष
िे प्रकत वैसे भी उदासीन हैं. उनिे पुत् जरूर िांग्ेस िे जपा ने उपराष्ट्रपकत िे पद िे कलए अपना दांव िांग्ेस स्ेत साझा
साथ हैं पर कपता-पुत् िी लड़ाई ्ें उनिी पाटटी ही धंसी कवपक्ष िे दांव िे बाद चला और कफर िांग्ेस िो अपने पाले ्ें
हुई है. इसिे अलावा सीबीआई िे कनशाने पर ्ुलाय् ही रहने िो कववश िर कदया है. िांग्ेस ने पहल िरते हुए उप
िा पूरा िुनबा है. यही हाल ्ायावती और उनिी पाटटी भाराष्ट्रपकत पद िे कलए ्हात्ा गांधी िे प्रपौत् गोपालिृष्ण गांधी िो
िा है. ्ायावती सीबीआई िे कनशाने पर हैं और उनिी अपना उम्ीदवार बनाया तो भाजपा एि लंबी चुपपी िे बाद अचानि उस कदन
पाटटी कबखर चुिी है. एि ज्ाने ्ें उनिे सबसे भरोसे्ंद सकक्य हुई कजस कदन राष्ट्रपकत पद हेतु ्तदान हो रहा था. भाजपा ने 17 जुलाई िो
कसपहसालार सवा्ी प्रसाद ्ौय्ण ने भाजपा ्ें शा्ील हो अचानि िेंद्रीय शहरी कविास ्ंत्ी वेंिैया नायडू िा ना् प्रसताकवत िर सबिो
िर आज उत्र प्रदेश सरिार ्ें ्ंत्ी हैं. कबहार ्ें लालू चौंिा कदया. भाजपा संसदीय बोड्ड िी बैठि िे बाद अधयक्ष अक्त शाह ने वेंिैया
यादव िे कदन गकद्णश ्ें हैं. हालांकि वहां पर सत्ारूढ़ नायडू िे ना् िी घोषणा िर दी. प्रधान्ंत्ी नरेंद्र ्ोदी ने वेंिैया नायडू िे ना्
्हागठबंधन ्ें उनिी पाटटी सबसे बड़ी है ्गर सीबीआई पर खुशी जताते हुए िहा कि यह एिद् सही फैसला है. वेंिैया सबसे उपयुकत
ने उनहें इस तरह घेर कलया है कि वे खुद तो सासत ्ें हैं ही, वयशकत हैं. वे वररष्ठ हैं और भाजपा ्ें िई कजम्ेदाररयां वे संभाल चुिे हैं. ्ालू् हो
उनिी पत्ी और पूव्ण ्ुखय्ंत्ी राबड़ी देवी भी कनशाने पर कि श्ी वेंिैया नायडू एि बार भाजपा िे अधयक्ष भी रह चुिे हैं और संिट िे वकत
हैं. उनिे बेटे और ्ौजूदा कबहार सरिार ्ें उप ्ुखय्ंत्ी वे िई बार संिट्ोचि ्हासकचव साकबत हुए हैं. अपने इस दांव से भाजपा ने
तेजसवी बुरी तरह फंस चुिे हैं. किसी भी रोज उनिी गद्ी दकक्षण भारत ्ें अपनी पैठ बढ़ाने िे संिेत भी दे कदए हैं. देश िे नंबर दो िे सबसे
जा सिती है. उनिी बेटी िे कदन भी खराब चल रहे हैं. ऐसे बड़े पद पर वे अब कबराजेंगे कयोंकि भाजपा स्ेत एनडीए िे पास संसद ्ें पहले से
्ें कवपक्ष रहा िहां. िांग्ेस अपनी देखे या अपने सहयोगी ही बहु्त है इसकलए उनहें रोि पाना श्ी गोपालिृष्ण गांधी िे कलए संभव नहीं है.
दलों िो. उसिे नेता िो कवदेश जाने से फुस्णत नहीं है उप राष्ट्रपकत िा पद िाफी ्हत्वपूण्ण होता है. वह राष्ट्रपकत िी ना्ौजूदगी ्ें
और िांग्ेस धीरे-धीरे रसातल िो जा रही है. ऐसे ्ें भला राष्ट्रपकत िा िा् िरता है. इसिे अलावा वह उच्च सदन (राजयसभा) िा पदेन
भाजपा िे नेतृत्व वाले एनडीए िे उम्ीदवार रा्नाथ सभापकत होता है इसकलए सांसदों िे साथ उसिी रोजाना िी आ्द-रफत तो होती
िोकवंद िो िौन जीतने से रोि सिता था. ही है. सदन िो सुग्तापूव्णि चलाए रखने ्ें उसिी अह् भूक्िा होती है. वह
इसकलए भाजपा िी जीत पर आ्चय्ण नहीं िरना किसी भी कबल िो राजयसभा ्ें पेश िरते स्य यह तय िरता है कि यह किस
चाकहए. उलटे यह देखना चाकहए कि आने वाले कदनों ्ें तरह िा कबल है.
राष्ट्रपकत और प्रधान्ंत्ी िे संबंध िैसे होंगे. कया राष्ट्रपकत ्ालू् हो कि राष्ट्रपकत पद िे कलए जहां सांसदों िे साथ-साथ सभी राजयों
श्ी रा्नाथ िोकवंद संकवधान िी ्या्णदा िे अनुिूल िी कवधानसभा व कवधानपररषद िे सदसय अपना वोट डालते हैं वहीं उपराष्ट्रपकत
सवयं िो प्रधान्ंत्ी िे प्रकत कक्कटिल रखेंगे अथवा जो िा चुनाव कसफ्फ संसद ्ें ही होता है
प्रधान्ंत्ी िहेंगे उसे जस िा तस ्ान लेंगे. भारत िी और लोिसभा तथा राजयसभा िे सदसय
संवैधाकनि परंपरा िे अनुसार राष्ट्रपकत यकद सरिार द्ारा ही वोट डालते हैं. उपराष्ट्रपकत
पाररत कबल से संतुष्ट नहीं है तो वह उस कबल िो वापस िो अपनी उम्ीदवारी दाकखल िरते
िर सिता है. ऐसे ्ें सरिार या तो दोबारा कबल पास स्य बीस सांसदों िो अपना
िरवाए अथवा राष्ट्रपकत िो िठघरे ्ें खड़ा िर उनिे प्रसतावि बनाना ही पड़ता है और
कवरुद्ध अव्ानना िा प्रसताव लाए या खाररज किए गए इतने ही उसिे ना् िा अनु्ोदन
कबल िो िानून बनाने िी बजाय उसे अधयादेश बनािर िरने वाले होते हैं. हर प्रतयाशी िो
लागू िरे. ्गर यह अधयादेश छह ्हीने से जयादा नहीं 15 हजार रुपये िी राकश ररजव्ण बैंि
चल सिता. पूव्ण राष्ट्रपकत प्रणब ्ुखजटी ने िई बार कबल ्ें ज्ा िरनी होती है कसकयोररटी िे
वापस किए थे और जब बार-बार अधयादेश लाने लगी कलए. n
तो उनहोंने साव्णजकनि रूप से सरिार िी आलोचना कि
अधयादेश िे भरोसे सरिार चलाना उकचत नहीं. यूं प्रणब
्ुखजटी ने िभी सरिार से टिराव नहीं ्ोल कलया पर
सरिार िी ्ंशा पर बार-बार वे प्रश्नकचनह लगाते रहे. अब
कया ्ौजूदा राष्ट्रपकत सरिार िी ्न्ानी पर अंिुश लगा
पाएंगे? यह सवाल अह् है. n
w1-15 अगस्त, 2017w I गंभीर समाचार I 5