Page 18 - KV Pragati Vihar (Emagazine)
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भारत स्वच्छता अमभयान दहंदी हमारी भाषा
साथी हाथ बणाना
हहंदी मेरी भार्ा है,
एक अके ला नही कर पाए
है हहंदी मेरी जान
सब लमल साफ़ कराना
साथी हाथ बणाना उसका प्रयोग हर जगह है
यह विद्यालय घर से बणकर चाहे कोई गीत हो या चाहे कोई गान
लशक्षा का है मंहदर,
साफ़ सफाई रखकर इसको
हहंदी है जननी हमारी
कर सकते है सुंदर.
अब िनत साफ़ रखेंगे मुझको है ये सबसे प्यारी
यह है िादा हमारा. जन्मा इसने हररश्चंर को
सब लमल साफ करना
और साथ ही जन्मा प्रेमचन्द को
साथी हाथ बणाना
मोदी जी जो आए देखो
बनके नेता हमारे, धन्य है िो ताकत जजसने
िनत नए आदशों के ललए हहंद में हहंदी को जन्म हदया
अलभयान चलाए,
शांित के साथ ही देश भर
सबको है समझाना
में इसने सबको अमन हदया
उनको विश्िास हदलाना
सब लमल साफ़ कराना
साथी हाथ बणाना . पर आज हालत क ु छ और है
— क ृ ष्णा सारे के सारे अंग्रेज हैं
सातवीं ‘अ’ हए ककतने जुल्म इसपर, हए हैं अत्याचार
ु
ु
अंग्रेजों की आते ही हए इसके ि ुकड़े हज़ार
ु
धचडड़या
नन्हीं धचडड़या नीचे आ
पर इस ग्रहण को मैं हिाकर रहूँगा
नीचे आकर गीत सुना
हहंदी को मैं बचा कर रहूँगा ,
बड़ी र्ूप है आसमान में
इस हहंदी के उजाले से मैं,
थोड़ा सा तो ले सुस्ता
विश्ि को अिगत करा के रहूँगा
पेड़ तले ठंडी छाया है
पंखों को थोडा आराम दे हहन्दी मेरी भार्ा है,है हहंदी मेरी जान I
मेरी गोद में आ सोजा अन प क ु मार,
विशाल क ु मार XI अ
VII अ