Page 19 - KV Pragati Vihar (Emagazine)
P. 19
स्वच्छ भारत
दहंदी से है अपना देश
भारत हमको प्यारा है.
न्यारा देश हमारा है. दहंदी को ही प्यार से सींचा
आं ममलकर प्रण ले हमने इसको सरपट खींचा
स्वच्छ इसे बनाना है. दहंदी से है अपना देश
मोदी ने क्रकया अमभयान चाहे बदलो अपना वेश
तो चलो तनकल कर इसका सही पररमाण दहंदी ही सबको है भाती
आं ममलकर प्रण ले लोग बसे चाहे देश पवदेश
भारत को स्वच्छ बनाना है. दहंदी से है अपना देश
दहंदी में सारे उपदेश
एक कदमस्वच्छताकी ंर
ऋपष मुतन सब मलखते लेख
— देवेन्र भट्ट
हम इसको ना छोड़ेंगे
ना इससे मुख मोड़ेंगे.
कौरव कौन, कौन पाण्डव
— छपव सैनी
कौरव कौन
ग्यारहवीं ‘अ’
कौन पांडव,
टेढ़ा सवाल है.
पुनः चमकते ददनकर
दोनों ंर शक ु नी
का फै ला
आज़ादी का ददन मना,
क ू ट जाल है.
नयी गुलामी बीच,
र्माराज ने छोड़ी नही
सूखी र्रती, सूना अम्बर,
जुए की लत है.
मन-आाँगन में कीच,
हर पंचायत में
कमल सारे मुरझाये,
पांचाली
एक एक कर बुझ दीप,
अपमातनत है.
बबना क ृ ष्णा के पुनःअंधर्यारे छाए,
कह कै दी कपवराय,
आज महाभारत होना है,
ना अपना छोटा जी कर,
कोई राजा बने
रंक को तोह रोना है. पुनः चमकते ददनकर.
—अंजमल —अंजमल
आठवीं ‘ब’ आठवीं ‘ब’