Page 33 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
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नज़र देखने लर्ी. अिंबर की ये वह िोटो थी जबकक वह उसके साथ
कालेज में पढ़ा करता था. बदली ने िोटो देखते हए मन में ही सोचा कक,
ु
'ककतना अगधक प्यार करती थी वह अिंबर को. ककतना अगधक वह आज
भी उसके ही बारे में सोचा करती है. इतना अगधक कक ववदेश में रिंर्ीन
बादलों और चमक-दमक से सजे माहौल में दस वषों तक रहने के बाद
भी वह अपने मन की भावनाओिं को बदल नहीिं सकी थी. आज भी अिंबर
एक साए के समान उसके जीवन के ऊपर सदा मिंडराता रहता है. सोचते
हए बदली स्वत: ही अपने अतीत के उन हदनों में लौटने को वववश हो
ु
र्ई जजनमें उसके दुःख-सुख के गर्ले-शशकवे थे. प्यार-मुहब्बत के वे
सपनों के महल थे कक जजनके खिंडर करने का वास्तववक मुजज़ज़म कौन
था, वह इस कड़वी वास्तववकता के भेद को आज तक नहीिं समझ पाई
थी.
बदली को मालुम था कक अिंबर के साथ उसके प्यार की कोमल
भावनाओिं के साथ शलखी हई कहानी तब आरम्भ हई थी जबकक अिंबर ने
ु
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उसको पहली बार स्पशच ककया था. एक ही कालेज, एक ही जर्ह के
रहनेवाले और एक ही कक्षा में एक साथ पढ़ते हए भी बदली ने तब तक
ु
अिंबर को उस दृजष्ट से नहीिं देखा था कक जजसमें नये-नये प्यार के कोमल
अिंक ु र ि ू टने लर्ते हैं. ये सब होने से पूवच तक अिंबर उसके शलए के वल
उसका सहपाठी, एक अच्छा पड़ोसी और एक अच्छे शमि तक का ही
ररश्ता रखता था. मर्र उस हदन, जबकक कक्षा में पढ़ते हए बदली
ु
अचानक ही धड़ाम से नीचे चक्कर खाकर गर्र पड़ी थी. गर्र पड़ी तो
कक्षा के सभी छाि हैरान होकर इस नज़ारे को के वल देख ही रहे थे.
ककसी में भी इतना साहस नहीिं हो पा रहा था कक कोई भी उसको नीचे
िशच से उठाकर कहीिं उगचत जर्ह पर शलटा दे. इसका मुख्य कारि यही
था कक जजस माहौल और वातावरि में वह पढ़ रही थी उसके हहसाब से
ककसी को भी एक युवा लड़की के बदन से यूँ हाथ लर्ाने की इजाजत ना
तो वहािं का समाज देता था और ना ही वह वातावरि कक जजसमें उसकी
परवररश हई थी. तब ऐसी नाजुक दशा को देखते हए अिंबर ने ही बदली
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को र्ोद में उठाया और लाकर वहीिं कक्षा में पड़ी एक बैंच पर शलटा हदया
33 | चेतना जनवरी 2019 - माचच 2019