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मुसा8फर


               कहानी /उषा देवी कोहटकर








               रात के  नौ बजे हK. बहत सार  पढ़ाई बाक/ है. 8फर भी घर क/ सी ढ़य>
                                  ु
        पर मC अके ला ह  बैठा हँ इस तीन मंिजल के  खूबसूरत मकान क/ तीसर  मंिजल
                            ू
        पर तीन साल पहले माँ ने, दो बेड~म का अपा,टमCट 8कराये पर Vलया था. _पछले
        चार  साल  से,  हो?टल  मC  रहकर  मK  अपनी  कॉलेज  क/  पढ़ाई  पूर   कर  रहा  था.
        इसVलए छ ु  «य> मC घर आने के  बाद Vल_वंग-~म मC सोफा−कम−बेड पर चQद रातC

        )बताना  मेरे  Vलए  कभी  सम?या  नह ं  बना.  Vसफ,   छ ु  «य>  मC  घर  आता  था.
        इसVलए माँ )बलक ु ल मेहमान>-सी आवभगत करती थी मेर . बीस साल पहले पाँच
        साल क/ बेट  डेझी और दो साल के  बेटे कोयनी मुझे लेकर मेर  बाईस साल क/

        युवा माँ ने मेि=सको छोड़कर Qयूयॉक,  आने क/  ह[मत क/. मेरे _पता ने, दूसर
        औरत के  Vलए माँ को अपनी िजQदगी से यूँ उठाकर फC क  दया जैसे कोई चावल
        चुनते हए कं कड़ उठाकर फC क देता है. पZत क/ ना-इQसाफ/ क/ फLरयाद लेकर
              ु
        माँ  जाती  भी  कहाँ?  अके ल   होकर  हम  दोन>  क/  परवLरश  करना,  हमC  पालना,
        पढ़ाना-Vलखाना  था  तो  मुिiकल,  परQतु  उसके   उ€तरदाZय€व  का  बोझ  और  कौन

        उठाता? अपने आँसू खुद ह  प>छकर माँ चल पड़ी. Qयूयॉक,  जैसे शहर मC अके ले
        रहकर  हम  दोन>  को  पाला,  बड़ा  8कया.  धूप  उसक/  थी,  छाँव  हमार ,   द=कतC
        उसक/ थीं. खुशी मेर  और डेझी क/. असमय इतनी बड़ी िज[मेदार  उसके  कं ध>

        पर आई और उसने बखूबी Zनभायी. अपने देश मC माँ ने हाई?क ू ल तक क/ पढ़ाई
        पूर  क/ थी, परQतु ?पेZनश भाषा के  माŽयम से. अंjजी का मामूल  bान था
        उसे. मगर  Qयूयोक,   आते  ह   =लॉसेस  मC  जाकर  अंjेजी  का  पया,qत  bान  इसने


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