Page 62 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
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8फर हQद तो भूल ह जाना है, धम,-सं?कार> क/ भी,
हम कहां तक रRा करC,
जब चच मC ह जाना है, तो 8फर गाय का मांस =य> न खाना है?
अब चाहे गाय क/ चबg से लद आलू क/ '±C च ±ाइज' हो,
या 8फर के क पर अंडे से जमी मलाई हो,
जब हरेक व?तु ह यहां पर 'ए=स रे टड' है,
तो 8फर =य> न हमार , सं?क ृ Zत क/ ~सवाई हो?
जब आसानी से यहां पर, ज़Qनत के नाम पर शह द होने
वाले 'सूसाईड बा[बर' ह>,
नादान बoच> को तड़पा-तड़पा कर, मारने वाले पागल 'मड,रर' ह>,
और 'इमीjेशन' क/ आंख> मC, धूल झ>क कर,
डॉलर के लालच मC घुसने वाले _वदेशी 'इल गल' ह>,
तो जब सब क ु छ ह यहां, 'इल गल' हो, तो 8फर 'ल गल' क/ गल =य> करC?
जब अंjेजी मC ह मरना, और जीना है, तो 8फर हQद क/ 8फ़ =य> करC?
तब बंधु जी क/ बात पर, हमने खूब सोचा, बार-बार _वचारा,
और अपने मन मि?तBक को जी भर के झकझोर डाला,
तब बड़े ह पLर¢म के पiचात, जो मि?तBक मC हमारे आया,
तो 8फर यह कहा 8क, भैया आपक/ बात हम मान तो लC,
पर कोई तय तो हो Hमा`णकता का, आप हम से बात करते हK हQद मC,
और आप दावा करते हK हQद को न समझने का,
8कतने आiचय, क/ बात है 8क, जब आपने जQम Vलया था,
तो मां को अ[मा बोला था, और पापा को _पता कहा होगा,
पर _वदेश का पानी पीते ह आपने,मां को ‘ममी’ कर डाला, और _पता को 'डैड',
जब आप अपने देश मC थे तो बoचे भी आपके अपने थे, और आप भी अपन> के थे,
पर यहां _वदेश मC
ना तो बoचे आपके हाथ मC रहे, और ना ह आप अपन> के रहे,
ये कै सा जीवन और आपक/ कै सी भाषा है?
ना तो आपका कोई धम, रहा, और ना ह अब आपक/
कोई बदलाव क/ आशा है.
हQद आप भूल ह गये, और अंjेजी का भी bान नह ं,
आपको तो दुख नह ं होगा, 8कसी भी बात का,
पर हमC लगता है 8क, अब आपक/ दशा है,
जैसे धोबी का गधा, घर का न घाट का.
-मह ु आ शरोवन.
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