Page 65 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
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'आपने मुझे मॉफ कर  दया है?' Lरतेश बोला.
             'हां. कर  दया है.'
             '?' - यह सुनकर Lरतेश अपने ?थान से हटा. थोड़ा आगे बढ़ा, 8फर पीछे
        मुड़कर LरZतका को देखा और 8फर एक अपराधी के  समान Vसर झुकाए जाते हए
                                                                        ु
        अपनी कRा मC चुपचाप जाकर बैठ गया. जा हर था 8क ऐसी अजीब सी घटना
        और वह भी एक अनजानी लड़क/ के  साथ, कRा मC =या पढ़ाया जा रहा है और
        =या नह , Lरतेश का मन लगने का Hiन ह  नह ं उठता था. वह कRा के  पूरे

        समय अपना सर झुकाए इसी के  बारे मC सोचता रहा था. बाद मC अपने समय
        कRा समाqत हई तो वह 8कसी से क ु छ भी कहे बगैर तुरंत Zनकल कर बाहर
                     ु
        आ  गया.  बाहर  आते  ह   उसक/  नज़रC  चुपचाप  उसी  लड़क/  को  ढ ूँढने  का  एक
        असफल Hयास करती रह ं. Lरतेश ने उस लड़क/ को सारे कॉलेज मC हरेक ?थान
        पर देखा, सब जगह> पर उसे तलाशा, लाइ˜ेर , लड़8कय> के  झुंड और समूह> मC,
        के Qट न मC, ले8कन वह उसे कह ं भी नजर नह ं आई. 8फर बाद मC यह  सोच कर
        8क हो सकता है 8क चोट आ द लगने के  कारण वह अपने घर चल  गई हो?
        दूसरे  दन वह उससे 8फर एक बार दोन> हाथ जोड़ कर Rमा मांग लेगा. यह
        सोच कर वह अपने 8कराए के  कमरे पर चला गया.
             Lरतेश अपने शहर से यहाँ आकर एक 8कराए के  कमरे मC रहते हए पढ़ाई
                                                                   ु
        करने  आया  था.  लडक>  के   हो?टल  मC  उसे  जगह  नह ं  Vमल   थी  इसVलए  वह

        अलग रह रहा था और खाने आ द के  Vलए कभी वह होटल मC खाता था और
        कभी खुद भी बना लेता था. दूसरे  दन शZनवार था और पहले  दन क/ घटना
        के  बाद के  समान ह  Lरतेश क/ qयासी आँखC उसी अनजान लड़क/ को तलाशती
        8फर ं मगर जब वह नह ं Vमल  तो वह भी कॉलेज से अपनी सार  कRाओं को
        टालकर सीधा बाज़ार मC चला गया. वहां जाकर उसने उस लड़क/ के  Vलए चू„ड़याँ
        खर द ं. उQहC एक अoछ• तरह से पैक करवाया. 8फर यह  सोच कर उQहC उसने
        अपने कॉलेज के  बैग मC रख Vलया 8क जब भी वह लड़क/ उसे Vमलेगी तो वह
        यह चू„ड़याँ उसको दे देगा. यह  सोच कर 8क उसक/ ह  बजह से उसक/ चू„ड़यां

        ट ू ट  थीं. इस तरह से वह क ु छ तो अपनी गलती का Hायिiचत कर सके गा.

              8फर इसी उहापोह और उस लड़क/ क/ खोज मC सqताह के  शु~ के  दो  दन
        और Zनकल गये, मगर वह लड़क/ Lरतेश को कह ं भी नज़र नह ं आई. नह ं आई
        तो Lरतेश क/ }चंता भी बढ़ गई. यह  सोच और 8फ़† मC 8क कह ं उस लड़क/ के
        कोई ग[भीर चोट न आई हो. उसके  HZत इस }चंता और सोच का असर यह

               65 |  जनवर -फरवर  2020
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