Page 69 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
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अपनी बेट थी तो दूसर उसक/ अब कोई भी नह ं थी. यह तो अंतर होता है
इंसान के :वारा बनाये Lरiत> मC; बेट अगर नाराज़ होकर, घर छोड़कर, अपनी
मनमानी से शाद करके चल जाए तब भी वह बेट ह रहती है, ले8कन पिन
या HेVमका छोड़कर चल जाए तो वह क ु छ भी नह ं रहती है. कोई भी Lरiता
उससे नह ं रहता है. वह आज LरZतका से कै से कह दे 8क,
'मेर रना तुम जैसी नह ं है, =य>8क तुम मेरे पास नह ं हो.'
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शKता ने पकड़ा
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शKता ने पकड़ा, पाप मC ड ूबे,
दखता नह ं है 8कनारा.
कै से बचCगे नक, क/ आग से,
अब यीशु तू है सहारा.
हर 8कसी के चुप-चुप
करते हK इशारे,
आसमां के `झलVमल
चमकते तारे,
पाप का दामन ऐसा पकड़ा
8क, ट ू टा मेरा ह Vसतारा.
मांझी िजसका साथ जो होवे
उसको Vमलता है 8कनारा,
मेर ट ू ट नैया सागर मC डोले
और डूबा है मेरा 8कनारा.
यीशु आजा पास मC मेरे
अब तू ह है मेरा 8कनारा.
आशा शरोवन.
69 | जनवर -फरवर 2020