Page 73 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
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               धारावा हक उपQयास / शरोवन

               अठारहवीं 8कiत /  द‡तीय पLरoछेद
               अब तक आपने पढा ़  है;
               द पक क/ मुलाकात अचानक से शVश से काल  देवी के  मिQदर मC हो गई तो वह अपने को धQय
        समझने लगा। साथ ह  ओल> क/ बरसाती रात मC जब वह ठंड से  ठठ ु रने लगा तो शVश ने उसे अपना गम, शाल
        ओढ़ने के  दे  दया. इस गम, लेडीज़ शाल को द पक के  पास देखकर बाला के   दल मC छाले पड़ गये. इसके  पiचात
        शVश क/ मंगनी आकाश से हो जाती है। द पक 8कसी Hकार यह बोझ भी बदा,iत करता है। इसी Vमले-जुले सदमC
        मC  वह घर आता है, जहां पर 8फर से उसक/ मुलाकात बाला से होती है। बाद मC द पक बटेiवर जाता है, पर वहां
        पर उसक/ भCट 8फर एक बार शVश से अचानक से हो जाती है। और यह भCट भी एक अजीब ह  Hकार से होती है.
        शVश क/ आरती के  तमाम पुBप द पक के  पैर> पर }गर जाते हK। इस मुलाकात के  पiचात दोन> ह  बटेiवर घूमते
        हK। काफ/ समय तक एक साथ दोन> का सामीqय रहता है। मगर 8फर भी द पक शVश क/ सगाई के  कारण मन
        ह  मन घुटता रहता है। द पक क/ इस परेशानी को बाला ने महसूस 8कया तो उसक/ भी परेशानी बढ़ने लगी।
        8फर एक  दन शVश ने बाला क/ 8कताब मC कRा के  समय द पक क/ एक फोटो अचानक से देख ल  तो दोन> ह
        क/ परेशाZनयाँ  भी एक साथ बढ़ ग­. शVश क/ मंगनी के  पiचात द पक का  दल ह  नह ं ट ूटा बिक वह खुद मC
        ह  )बखर गया. इस Hकार 8क बाला भी उसके  अंदर अचानक से आये ह ु ये पLरवत,न को भांप गई. वह समझ गई
        8क उसका द पक कह ं न कह ं भटक चुका है। ऐसा सोचते ह  जहां बाला को अपने सपन> के  सजाये ह ु ये महल
        ढहते नज़र आने लगे वह ं दूासर  तरफ आकाश भी द पक क/ बदलती ह ु ई  दनचया, देखकर }चंZतत होने लगा।
        तब इस Hकार आकाश ने द पक को नैनीताल ^मण के  Vलये तैयार 8कया और उसे अलमोड़ा के  Vलये भेज
         दया. इसी दौरान नैनीताल मC द पक क/ दुघ,टना ह ु ई और उसे उसके  सा}थय> के  साथ मृत घो_षत कर  दया
        गया. द पक नैनीताल से कै से भी ठ•क होकर वापस Vशकोहाबाद आया तो उसे ये जानकार आiचय, ह ु आ 8क
        शVश अचानक ह  गायब हो चुक/ है. वह बाला से भी Vमला पर तुरंत ह  वह शVश के  खोज मC Zनकल पड़ा. शVश
        क/ लाश देखकर द पक खुद भी मरने जा रहा था 8क तभी सLरता ने उसे बचा Vलया. सLरता का सामीqय जब
        द पक को Vमला तो वह उसके  सहारे अपनने अतीत क/ हर याद को भी भूलने लगा. इसके  बाद आनेवाले  दन>
        मC  द पक  सLरता  के   साथ  अपने  भावी  जीवन  के   सपने  बनाने  लगा,  ले8कन  =या  उसके   ये  सपने  पूरे  ह ु ए?
        सLरता ने 8कनारा कर Vलया. द पक 8फर एक बार अके ला रह गया. 8फर एक बार शVश उसके  ज़हन
        मC आने लगी. परQतु एक  दन उसने अचल क/ गुमट  पर शVश को आकाश के  देख Vलया तो उसके
        सारे होश उड़ गये. इसके  बाद =या ह ु आ? अब आगे प ढ़ये.
             फ ू ट-फ ू टकर रोने लगी. उसके  होठ> पर Vसस8कयाँ तड़प उठ•ं. आँख> से टप-

        टप आंसू }गरने लगे. एक तो _पता पर लगाये इलज़ाम का दुःख, उस पर _ववाह
        ट ू टने का आRेप? हवा के  एक मा* झ>के  से उसक/ तो 8क?मत ह  पलट गई
        थी.  8कतने  सुंदर  अपने  भावी  जीवन  के   Ëवाब>  मC  वह  घूमती,  इठलाती  हई
                                                                        ु
        झूमती 8फर रह  थी 8क अचानक ह  उसके  सपन> क/ सम?त त?वीरC Vम«ी मC



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