Page 68 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
P. 68
हो गई. कह ं गो* नह ं Vमला तो कह ं क ुं डल . सबसे बड़ी बात छोट और बड़ी
जाZत का Hभाव सबसे खतरनाक था. LरZतका बड़ी जाZत क/ थी तो Lरतेश एक
अनुसू}चत जाZत से स[बQध रखता था. कह ं से भी दोन> का मेल नह ं खाता
था. तब अंत मC एक दन LरZतका ने खुद को समझाया और Lरतेश को भी
समझाया और कहा 8क,
'देखो, Lरतेश तुम तो जानते हो 8क हम दोन> का यह _ववाह पार[पLरक
र Zतय> को हलाल करके कभी भी नह ं हो सकता है. मK भी यह कभी भी नह ं
क~ं गी 8क अपने मां-बाप क/ इcज़त, उनका स[मान और उनक/ तमाम
भावनाओं क/ अथg Zनकालकर तुमसे जुड़ जाऊं और तु[हारे साथ कह ं भाग जाऊं
या कोट, मC जाकर _ववाह कर लूँ. Hेम क/ मंिजल के वल _ववाह ह होना नह ं है
बिक अपने पLरवार, अपने मां-बाप, अपने समाज और अपने Lरiते-नातेदार> क/
मया,दा को स[भाल कर रखना भी है. आज के बाद यह सोच लेना 8क हम
दोन> साथ-साथ चले थे, हमेशा साथ रह कर चलना भी चाहते थे, ले8कन
अचानक से एक ऐसा बड़ा सा पथर हमारे माग, मC आकर टकराया 8क िजसक/
बजह से हमारे रा?ते अलग हो चुके हK. मK तु[हC चाहती हँ. पसंद करती हँ,
ू
ू
इसVलए अपने ईiवर से यह मांगूंगी 8क तुमको मुझसे भी अoछ और सुंदर
पिन Vमले. इतनी सुंदर 8क उसक/ सुंदरता मC तुम मुझे याद करके उसके महान
qयार का कभी भी अपमान न कर सको.'
इतना कह कर जब LरZतका Lरतेश के पास से जाने लगी तो Lरतेश ने
उससे कहा 8क,
'मेरे Vलए अपने ईiवर से एक चीज़ और मांग लेना.'
'?' - जाते-जाते LरZतका अपने ह ?थान पर ठठक गई तो Lरतेश उससे
बोला 8क,
'के वल यह मांगना 8क ईiवर मुझको भी तु[हारे ह समान एक ऐसी पु*ी
दे जो हमेशा अपने मां-बाप का स[मान करे, उनका कहा माने और उनक/
मया,दा को सदा स[भाल कर रखे'
. . . सोचते-सोचते Lरतेश क/ नम आँख> से आंसू 8कसी जीण,-शीण, होते
हए छqपर से बरसात क/ Lरसती हई बूंद> के समान ट ू ट-ट ू टकर नीचे सीमCट के
ु
ु
फश, मC _वल न होने क/ एक नाकाम कोVशश करने लगे. सचमुच 8कतना बड़ा ह
अंतर था LरZतका और रना मC. एक अपने मां-बाप क/ मया,दा क/ खाZतर मर
Vमट और दूसर ने अपने _पता के स[मान को सारे समाज मC बड़ी बे-ददÀ से
जल ल करके रख दया था. एक उसके र=त, उसके बदन से Zनकल हई उसक/
ु
68 | चेतना प ढ़ये और आगे ब ढ़ये