Page 64 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
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र€ना.'
              ई-मेल के  :वारा भेजे गये प* को भार  मन और भीगी आँख> के  साथ
        पढ़ने के  बाद Lरतेश ने कं qयूटर के  'माउस' से हाथ हटाकर अपने Vसर पर रखा
        और 8फर Rण भर मC वह ं वह अपना Vसर पकड़ कर बैठ गया. बीते हए  दन>
                                                                   ु
        क/, अतीत के  पQन> मC दबी हई ?मृZतय> को याद 8कया तो Lरतेश क/ आँख> के
                                 ु
        सामने  उसके   िजए  हए   दन>  के   पृBठ  अपने  आप  पलटने  लगे.  इस  Hकार  8क
                         ु
        सहसा ह  उसक/ आँख> के  सामने एक धुंध सी आई और उस पर एक }च* बना-

        LरZतका?  LरZतका  !  8कतनी  अoछ•,  8कतनी  शाल न,  सहनशील,  सुघड़  और
        समझदार  भी.  हरेक  )बगड़ी  से  )बगड़ी  पLरि?थZत  के   सामने  भी  ग[भीरता  से
        Zनण,य लेने वाल . िजतनी अ}धक समझदार उतनी ह  सुंदर भी.
             कालेज के   दन> मC एक ह  कRा के  सहपाठ• न होने के  बावजूद भी के वल
        एक छोट  सी घटना के  कारण ह  वे दोन> अपनी कॉलेज क/ VशRा के  दौरान ह
        पास आ गये थे. . .'
             'उई मेर  मां? मK }गर गई.'
             अचानक ह  कॉलेज क/ गैलर  मC अपनी कRा क/ ओर तीÁता से भागते
        हए Lरतेश LरZतका से टकरा गया तो वह धड़ाम से नीचे }गर पड़ी. कRा आर[भ
         ु
        होने  का  घंटा  बहत  पहले  ह   बज  चुका  था  और  कRा  मC  देर  न  हो  जाए  इस
                      ु
        कारण सभी छा* और छा*ाएं अZत तीÁता के  साथ अपनी-अपनी कRा क/ ओर

        बढ़ते जा रहे थे. इसी जद  और शीÈता मC Lरतेश LरZतका से टकरा गया था.
        LरZतका क/ पु?तकC  तो उसके  साथ }गर ं ह  थीं, साथ मC उसके  हाथ क/ पहनी
        हई चू„ड़याँ भी ट ू ट कर उनके  ट ु कड़े नीचे फश, पर )बखर गये थे.
         ु
             'ओह, सौर . सौर . मुझे मॉफ कLरये. मK बहत जद  मC था. =लास मC कह ं
                                                ु
        ए™सCट न लग जाए, इसीVलये तेजी से भाग रहा था.'
             'मK  उठा  लूंगी.  जाइए  अपनी  =लास  मC.  अब  लेट  नह ं  हो  रहC  है  आप?'
        Lरतेश  ने  उसक/  पु?तकC   उठाने  मC  मदद  करनी  चाह   तो  LरZतका  ने  R`णक
        `खQन होते हए उसे टोक  दया.
                   ु
             'मK सचमुच बहत शVमÇदा हँ.' Lरतेश ने कहा.
                        ु
                                  ू
             '?' - LरZतका ने उसे देखा.
             'आपके  चोट तो नह ं लगी?'
             'नह ं लगी. अब जाइए अपनी =लास मC.'
             'चला जाता हँ ले8कन. . .?'
                       ू
             'ले8कन =या?'

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