Page 72 - CHETNA JANUARY 2020- FEBRUARY 2020 FINAL_Neat
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2. भजन 42 - 72
             3. भजन 73 - 89
             4. भजन 90 - 106
             5. भजन 107 - 150


                       पौलुस क/ प*ी 8फVलिqपय> क/

                              कल Vसया के  नाम -


               नया Zनयम क/  यारहवीं पु?तक पौलुस HेLरत क/ यह प*ी 8फVलिqपय>
        क/  उस  पहल   कल Vसया  के   नाम  Vलखी  गई  थी  जो  यूरोप  मC  सव,  Hथम
        कल Vसया बनी थी. इस कल Vसया क/ ?थापना पौलुस ने क/ थी. यह कल Vसया
        उस समय के  रोमी शाVसत HाQत म8कदुZनया मC ि?थत थी. यह प*ी पौलुस ने
        उस  समय  Vलखी  थी  जब  8क  वह  रोम  क/  जेल  मC  था.  उस  समय  वह  अQय
        मसीह  काय,-कता,ओं के  :वारा अपने साथ हो रहे _वरोध के  कारण परेशान और
        }चंZतत और 8फVलqपी क/ कल Vसया के  अंदर ‡याqत गलत VशRाओं के  कारण
        दुखी भी था. तब उसक/ इस प*ी ने उस आनQद क/ ‡या—या क/ थी जो के वल
        मसीह  यीशु  के   _वiवास  के   :वारा  ह   Hाqत  8कया  जा  सकता  है.  इस  प*ी  के
        :वारा पौलुस ने कल Vसया के  लोग> को उस चंदे के  Vलए धQयवाद  दया था जो
        उQह>ने पौलुस क/ आवiयकता के  Vलए भेजा था. मसीह  _वiवास और जीवन मC

        आनQद, Zनiचय, एकता और ‘ढ़ता पर बल देना ह  इस प*ी क/ मु—य _वशेषता
        है. यह प*ी 8फVलqपी क/ कल Vसया के  HZत पौलुस के  अथाह Hेम को भी Hगट
        करती है.
               ~प-रेखा-
               भूVमका- 1:1-11
               पौलुस क/ ‡यि=तगत परेशाZनया- 1:12-23
               मसीह यीशु मC पाया जाने वाला जीवन- 1-27-2:18
               तीमु}थयस और इपÉद तुस- 2:19-30

               श*ुओं और खतरे- 3:1-4:9
               पौलुस और Vम*- 4:10-20
               उपसंहार- 4:21-23



                                             72 |  चेतना प ढ़ये और आगे ब ढ़ये
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