Page 14 - माँ की पर्णकुटी
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बीसलपुर बांध का शै   णक   मण ( दनांक 14 अग त 2016)


























        गाय ी नगर  व तार के  पीछे नाले के  पास ि थत वा मी क ब ती के  म य  "माँ क  पण शाला" पर ब च  को आते हए धीरे धीरे चार वष
                                                                                                  ु
        से अ धक हो चुके  थे I ब चे अपनी "अनोखी  माँ" के  साथ जयपुर म  तो खोले  के  हनुमान बाबा का मं दर, काले हनुमानजी का मं दर,
        टे नोलॉजी पाक  , सक  स, मूवी   व ्  अ य  थान  पर   पक नक मनाने जा चुके  थे I


                                                                     ब ती  के   म य      तवष    वतं ता    व  गणतं    दवस

                                                                     लगातार  धूमधाम  से  मनाया  जा  रहा  था  I  इस  बार
                                                                      वतं ता    दवस क ु छ अलग ह  ढंग से मानने का  वचार

                                                                     आया  I   वचार   वमश   के   बाद  बीसलपुर  बांध  व
                                                                     सूरजपुरा  लांट का शै   णक  मण व सूरजपुरा  लांट

                                                                     पर ह   वतं ता  दवस बनाने का काय  म तय हआ I
                                                                                                             ु
                                                                     इस काय  म को आयोिजत करने म  राजेश ग़ु ताजी क

                                                                     अहम  भू मका  रह   I  आपने  पारासर  बस  स व स  के

                                                                      वामी सुर   शमा जी से स पक   कर इस वा मी क ब ती

        म   चल  रहे  सेवा  काय   से  अवगत  कराया  I  शमा जी  ने

        बीसलपुर  मण के   लए बस क    नशु क  यव था क  I
        राजेश ग़ु ताजी ने  भोजन क   यव था सूरजपुरा    लांट

        पर काय रत PHED के  सहायक अ भयंता हर लाल  संह के

        मा यम से  कराई I वापसी म  टोरडी गांव म  चाय ना ते
        क   यव था अजयजी के  प रजन  ने कराई I सूरजपुरा

         लांट  पर  व च   व ्  ब तीबा सय   ने  भोजन  के   बाद
        सां क ृ  तक काय  म  कये I मंच का संचालन सीमाजी

        ने  कया I
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