Page 24 - माँ की पर्णकुटी
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नव संव सर 2075

          "माँ क  पण क ु ट " पर नवसंव सर  बड़े ह  धूमधाम मनाया गया I पण क ु ट  को झं डय , अशोक के  प   क  माला
          एवं  रंगोल   बनाकर  सजाया I  हनुमान  चाल सा  के   समू हक  गायन  के   साथ काय  म  क   शु आत  हई  I माँ ने
                                                                                                     ु
          ब तीवा सय  व ब च  के  साथ क त न  कया एवं  ब च  ने धा म क गीत  पर नृ य   तुत  कयेI 108 द पक  से

          सामू हक महाआरती हई I पठाखे फोड़े एवं  मठाई का  वतरण हआ I ब तीवा सय  के  बनाये गए पकवान  से
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                                                                     ु
          भोजन  साद  हई I
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          तीन साल पूव  ब तीवासी 1 जनवर  को ह  नव वष  मानकर उसे धूम-धाम से मनाया करते थे I
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