Page 29 - माँ की पर्णकुटी
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आज भी यह  ‘‘मॉ’’ ब चो को
                                                                      बांस  क  खपि चय  से बनी छत के  नीचे ह

                                                                      पढा  रह   ह   ,   क ं तु  अब  वो  अपने  इन  100

                                                                      ब च   के   भ व य  को  लेकर   नि चंत  ह

                                                                       य  क आप  अनेक   यास   के  बाद अपने

                                                                      प त  व  अ य  गणमा य  स जन   के   सहयोग
                                                                      से  चय नत ब च  को  पांच साल से लगातार

                                                                      पि लक  क ू ल म  पड़ा रह  ह  । अब  ये ब चे

        पहल  से लेकर 10 वीं क ा तक पड़ रहे ह  । इस वष  पि लक  क ू ल म  पड़ने वाल  ब च  क  सं या 60  है ।

         वधालय का खचा  अपने प त व अ य गणमा य स जन  के  सहयोग से कर रह  ह  ।


            28 अ ैल 2015 को अंधी मॉ ं  क  पो लय    त बेट ं गोर  का  ववाह भी बडी धूम-धाम के  साथ ब ती के

        अ दर      ह     कराया।     इसी    अंधी    मॉ     के    क ू  हे   का   ऑपरेशन      भी     कराया।     पु लस

         वारा  ब तीब सय     के   साथ  अ याचार  करने  पर  16  जून  2015  को  थाने  का  संघ  के    वयं  सेवको  एवं

        ब तीब सय  के  सहयोग से थाने का घेराव करा दोषी  पु लस क म य  को  नलि बत कराया।


             ार भ म  ब च  के   यार से शु  हआ आपका सेवा काय   दन   त दन आगे बढता जा रहा है। आप  वारा
                                              ु
        ब च  क   श ा के  साथ साथ उनके  सवा गीण  वकास एवं सामािजक अ पृयता को दूर करने के   लये समय

        समय पर  न न सेवा काय  भी  कये जा रहे ह  -


                     आप  वारा ब च  के   मण/ पक नक काय  म  नय मत  प से संचा लत  कये जाते ह । इसके

               अ तग त  समय  समय  पर,  ब च   को

                व भ न   थान   का   मण,  मं दर  दश न

               आ द  काय  म  आयोिजत   कये  जाते  ह ।
               इस  कडी  म ,  ब च   को  बीसलपुर,  खाट ू

                याम बाबा एवं जीण  -माता के  मं दर क

               या ा, गांधीनगर का  नर  ण आ द अ य

               काय  म  रहे  ह ।  इसम   बीसलपुर  एवं

               गांधीनगर म  ब च  को जलापू त  के  संबंध

               म     जानकार   दे  कर  उनका   ानवध न
               कराया ।
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