Page 31 - माँ की पर्णकुटी
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  इस  वष   ब ती  एवं  आस-पास  क   108  बि चय   का  शरद य  नवरा ा  क   अ टमी  को  क नका
               पूजन एवं भोजन कराया । द पावल  के  पावन पव  पर ब ती के  सम त प रवार  को  क प के  सा न य

               से आधी-आधी  क ा. के   मठाई के  पैके ट का  वतरण  कया गया। इस अवसर पर ब च   वारा  क प

               पर रंगोल  मांढ  गयी एवं   येक ब चे  वारा एक-एक द पक   व लत कर  क प क  शोभा बढाई।

                     गणतं  व  वतं ता  दवस धूमधाम से मनाया जाता है, सवेरे से सजे-धजे ब चे,  वजारोहण व

               जन-गण-मन प चात देशभि त गीत व क वता सुनाते है व नृ य   तु त देते है। अ त म  पुर क ृ त हो,
               कर वापस लौटते है। इन काय  म  को पुर  ब ती उ साहपूव क मनाती है।

                     26 जनवर  2018 को  आपके   यास  से  छठा गणतं   दवस व  वा ष क उ सव अशोक वा टका

               मै रज गाड न म  धूमधाम से मनाया गया।  ातः ब ती के  म य ि थत  क प पर कन ल डी पी  संह

                वारा झंडा  फहराया गया। वा ष क उ सव दोपहर 3 बजे से अशोक वा टका म   ार भ हआ। माननीय
                                                                                                     ु
               मुलचंदजी  भाई  सहाब  व  कै लाशजी  भाई  सहाब- े ीय  बो  धक   मुख  आरएसएस ध   वारा  द प

                  वलन से  काय  म का शुभारंभ हआ ◌ी क ु ल 55 ब च  व म हलाओं ने क वता, भजन, नृ य, नृ य
                                                   ु
               ना टका आ द  क  48   तु तयां द । सभी भाग लेने वाले ब च , म हलाओं को पु  क ृ त  कया गया।

               कै लाशजी भाई साहब  े ीय बो  धक   श ण  मुख जी का बो  धक रहा। मुलचंदजी भाई साहब  े ीय

               संगठन मं ी सेवा भारती ने ब च  व  म हलाओं को पुर कार  दये। काय  म म  500 से अ धक सं या

               रह । काय  म के  बाद सभी का भोजन रहा ।

                      ववा हक जीवन क  25 वीं वष गांठ का काय  म. 10 फरबर  2018 को आपने, अपने  ववा हक

               जीवन का   स वर जुबल  काय  म ब ती के  अंदर ब तीवा सय  के  साथ ह  मनाया। इस अवसर पर
               आपने सुंदरकांड पाठ का आयोजन ’आचाय  पं. राम काश उपा याय,  जवासी भागवत  यास व मंडल

                वारा ब ती म  कराया ।  इसके  बाद सम त ब ती वा सय  व गणमा य स जन  को भोजन  साद

               कराई ।

                     उ त सभी काय  म  के  साथ साथ आप का मु य  येय समाज के  अ दर समरसता का भाव

               पैदा करना है। इस कडी म  ब च  के  मं दर दश न, सामू हक क नका पूजन आ द मु य काय  शा मल ह ।
               सीमाजी इन ब च  क  झोप ड़य  म  जाकर चाय, ना ता, भोजन आ द सप रवार करती रहती ह । ब चे

               घर म  पकवान,  मठाई आ द बनने पर अपनी मां को  खलाने के   लये ले आते ह  तथा वे  वयं भी

               समय समय पर अपनी  मां के  घर जाकर ना ता भोजन आ द करते रहते ह  । ब ती म  अनेक बार

               समरसता भोजन का आयोजन  कया गया है।

                     आपके  इस  नः वाथ  अनुकरणीय सेवा काय  के   लये आपको  व भ न सामािजक संगठन   वारा
               स मा नत  कया जा चूका है। वा ण य समाज क  इस म हला पर हम सभी को गव  है।
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