Page 61 - Pragyaan
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अजा ककमा है
        आसभान हभसे नायाज है                             भुहावयों क े आधुननक अथा
        तायों का गुस्सा फेहहसाफ है
        िो सफ जरते हैं क्मोंकक                          भुहावया- आ फैर भुझे भाय
        चाॊद से फेहतय चीज हभाये ऩास है                  अथा- ऩत्नी से ऩॊगा रेना

        एग्जाभ स्टाटाहोते ही योने का सभा होता है

        ऐसे भौसभ भें ही तो हदभाग का दही होता है         भुहावया- आत्भहत्मा क े मरए प्रेरयत कयना
        ऩेऩय भें क ु छ मरि नहीॊ ऩाते                    अथा-शादी की याम देना
        मे पसाना तो भाका शीटभें फमाॊ होता है
                                                          भुहावया- ' िुद ' को रुटते हए देिना
        भेये भयने क े फाद भेये दोस्तो आॉसू भत फहाना                         ु
        भेये भयने क े फाद भेये दोस्तो आॉसू भत फहाना     अथा-ऩत्नी की भाॊग ऩूयी कयना
        अगय माद आए तो सीधे ऊऩय ही चरे आना

                                                        भुहावया- दीिाय से सय पोड़ना
        जो आसानी से मभरे िो है गभ                       अथा-ऩत्नी को क ु छ सभझाना
        जो भुस्श्कर से मभरे िो है यभ
        जो ककसी- ककसी को मभरे िो है दभ                    भुहावया-फेगानी शादी भें अबदुल्रा दीिाना
        जो नसीफ िारों को मभरे िो हैं हभ                 अथा-दूसयों क े दुि से िुश होना

                                              अनालभका                                       सौयव मादव
                                          नौवी फी                                              नौवी फी
                                                                    लशऺा-सपय
                       रयश्ता
                                                             ऻान - एक भहासागय।
       भ  ॊ  ने योक टोक रगाई,उसे प्माय का नाभ हदमा।
                                                             पवद्मा-उससे लभरने वारी नहदमाॉ ।
       द्धऩता ने फॊहदश रगाई,उसे सॊस्कायो का नाभ हदमा।
       सास ने कहा अऩनी इच्छाओॊ को भाय दो,                    लशऺा -ऩाय ऩहॊचने वारी नैमा।
       उसे ऩयमऩयाओ का नाभ दे हदमा।                                      ु
       ससुय ने र्घय को कै दिाना फना हदमा,                    अध्माऩक-उस नैमा का खखवैमा।
       उसे अनुशासन का नाभ दे हदमा।
       ऩनत ने थोऩ हदमे अऩने सऩने अऩनी इच्छा,   सुलभत         भेहनत व रगान-नैमा क े ऩतवाय।
       उसे िपा का नाभ दे हदमा।              दसवी फी          जोश व होश-उसके  ऩार।
       ठगी सी िड़ी भैं स्जॊदगी की याहों ऩय,
       औय भैंने उसे ककस्भत का नाभ दे हदमा।                   रम्फा लसरेफस-अॊत हीनबॉवय

                                                             अऩूर्ा कामा -डूफने का डय

                                                             मूननट टेस्ट -यास्ते की चट्टाने।

                                                             ऩयीऺाएॊ-भुसीफतों क े ऩडाव।
                          हॊसो-हॊसो
                                                             कभ अकॊ -नाव भें छेद।
      •भैडभ- ऩप्ऩू, भैंने तुमहें थप्ऩड़ भाया, इसका बद्धिष्म कार
      फताओ।                                                  डाॉट- पटकाय-ऱूकावट क े लरए खेद।
      ऩप्ऩू- भैडभ छ ु ट्टी क े फाद आऩकी एस्क्टिा ऩॊचय मभरेगी
                                                             नकर-इभयजैंसी हैल्ऩ।
      •फैंक क े फाहय बीड़ रगी थी । एक आदभी फाय - फाय आगे जाने   ऩकडे जाना- तूपान कासॊके त।
      की कोमशश कयता है औय रोग उसे ऩीछे िीॊच देते । 5 -7 फाय ऩीछे
      िीॊचे जाने ऩय िह गचल्रमा - " रगे यहो राइन भें , भैं आज फैंक ही   पे र होना-नाव का क्रे श।
      नहीॊ िोरूॊगा !....
                                                             घय ऩय पऩटाई - भाइॊड रयफ्रे श।
      •भयीज :- ड क्टय मे दिा ऩूये शहय भें कहीॊ नहीॊ मभर यही......
      ड क्टय :- मभरेगी बी नहीॊ , भैं दिा मरिना तो बूर ही गमा , मे तो                                      यक्षऺत
      भेया मसग्नेचय है !!!                                                                   नौवी फी




                          ऩूजा लसॊह
                          दसवी फी
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