Page 179 - BEATS Secondary School
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कहािी
            कहािी

            दोस्ती और गलतफहमी                  दोस्ती और गलतफहमी
            तमन्िा राठौड़, कक्षा 9
                                               तमन्िा राठौड़, कक्षा 9


            आज जब मैं श ांनत से अपने कमरे में, गमफ कां बल में शलपिी कॉफी पीती हई अपने बचपन के  टदनों के  ब रे
                                                                            ु
                                               आज जब मैं श ांनत से अपने कमरे में, गमफ कां बल में शलपिी कॉफी पीती हई अपने बचपन के  टदनों के  ब रे
            में सोचती हां तो मेरे मन में दोस्तों के  स थ की मनमज़जफय ां और आव रगी के  स थ वह वक्त भी अपनी य दों                    ु
                      ू
            में टदखत  है जब एक गलतफहमी ने हम दोनों के  बीच एक दर र पैद  कर दी थी। उस समय मेरे जीवन में
                                               में सोचती हां तो मेरे मन में दोस्तों के  स थ की मनमज़जफय ां और आव रगी के  स थ वह वक्त भी अपनी य दों
                                                            ू
            दो ही लोग सबसे मुख्य थे; एक मेर  पररव र और दूसर  मेरी सहेली। हम दोनों पपछले पांद्रह स लों से एक
                                               में टदखत  है जब एक गलतफहमी ने हम दोनों के  बीच एक दर र पैद  कर दी थी। उस समय मेरे जीवन में
            दूसरे को ज नते थे। वह मेरी बहन जैसी थी। एक दूसरे के  घर में बबन  बुल ए ज न ; एक दूसरे के  कपड़े
                                               दो ही लोग सबसे मुख्य थे; एक मेर  पररव र और दूसर  मेरी सहेली। हम दोनों पपछले पांद्रह स लों से एक
            पहनन  और हर जगह स थ ज न । इन बहत स री चीजों में से क ु छ चीजें हैं जो हम लोग स थ में करन
                                                 ु
            पसांद करते थे। हम दोनों को दौड़ने क  बहत शौक थ । अगर ककसी प्रनतयोगगत  में हम भ ग लेते थे तो यह
                                                 ु दूसरे को ज नते थे। वह मेरी बहन जैसी थी। एक दूसरे के  घर में बबन  बुल ए ज न ; एक दूसरे के  कपड़े
            तय थ  कक अगर कोई प्रथम आएग  तो वह ाँ हम दोनों में से ही कोई होग । हम दोनों बहनों के  बीच कभी
                                               पहनन  और हर जगह स थ ज न । इन बहत स री चीजों में से क ु छ चीजें हैं जो हम लोग स थ में करन
                                                                                               ु
            भी ईर्षय फ क  भ व पैद  नहीां हआ। आज भी जब मैं हम दोनों की शैत ननयों के  ब रे में सोचती हाँ तो चेहरे
                                                                                               ू
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                                               पसांद करते थे। हम दोनों को दौड़ने क  बहत शौक थ । अगर ककसी प्रनतयोगगत  में हम भ ग लेते थे तो यह
                                                                                               ु
            पर एक मुस्क न फै ल ज ती है। हम एक ही थ ली के  चट्िे-बट्िे थे। भले ही बहत शैत नी करने की ब त हो
                                                                                 ु
                                               तय थ  कक अगर कोई प्रथम आएग  तो वह ाँ हम दोनों में से ही कोई होग । हम दोनों बहनों के  बीच कभी
            य  कफर शशक्षक से ड ांि ख ने की; हम दोनों ने एक दूसरे क  स थ कभी नहीां छोड़ । अब उस शैत नी की
            ब त ज़जसके  पररण म के  ब रे में हमें पत  ही नहीां थ ।
                                               भी ईर्षय फ क  भ व पैद  नहीां हआ। आज भी जब मैं हम दोनों की शैत ननयों के  ब रे में सोचती हाँ तो चेहरे
                                                                                                                                                           ू
                                                                                ु
            यह ब त उस समय की है जब हम रे स्क ू ल में मुख्य खेल टदवस से पहले एक क यफक्रम आयोज़जत ककय
                                               पर एक मुस्क न फै ल ज ती है। हम एक ही थ ली के  चट्िे-बट्िे थे। भले ही बहत शैत नी करने की ब त हो
                                                                                                                                         ु
            गय  थ  ज़जसमें कई तरह के  खेल और ख नप न क  आयोजन ककय  गय  थ । यह एक क ननफवल थ  जह ाँ
                                               य  कफर शशक्षक से ड ांि ख ने की; हम दो
            घुसते ही लोगों की ऐसी भीड़ टदख ई दी कक ज़जसको प र कर प न  भी मुज़श्कल लग रह  थ । नों ने एक दूसरे क  स थ कभी नहीां छोड़ । अब उस शैत नी की
            मैं क ननफवल में ज ऊाँ  और ख ने-पीने की स्िॉल पर न ज ऊाँ  ऐस  तो हो ही नहीां सकत । इसशलए मैंने
                                               ब त ज़जसके  पररण म के  ब रे में हमें पत  ही नहीां थ ।
            ख नप न के  स्िॉल की तरफ अपने कदम बढ़ ने शुरू कर टदए। तभी एक गांध मेरी न क तक पहाँची और उसे
                                                                                               ु
                                               यह ब त उस समय की है जब हम रे स्क ू ल में मुख्य खेल टदवस से पहले एक क यफक्रम आयोज़जत ककय
            सूाँघते ही मेरे मुाँह में प नी आ गय । ख -पीकर हम लोग खेलों की तरफ बढ़े। हम रे आगे एक बहत ऊाँ ची
                                                                                                ु
                                               गय  थ  ज़जसमें कई तरह के  खेल और ख नप न क  आयोजन ककय  गय  थ । यह एक क ननफवल थ  जह ाँ
            र इड थी जो गोल–गोल घूम रही थी। हम उस र इड की ल इन में ज कर खड़े हो गए। वह ाँ से बच्चों के
            गचल्ल ने की आव ज मेरे क नों में गूाँजने लगी और मेर  पूर  शरीर क ाँपने लग । क ननफवल खत्म होने के  ब द
                                               घुसते ही लोगों की ऐसी भीड़ टदख ई दी कक ज़जसको प र कर प न  भी मुज़श्कल लग रह  थ ।
            अब ब री थी खेल टदवस की। मैं और मेरी सहेली दोनों ने ही दौड़ प्रनतयोगगत  में भ ग शलय  थ । ज़जन लोगों
                                               मैं क ननफवल में ज ऊाँ  और ख ने-पीने की स्िॉल पर न ज ऊाँ  ऐस  तो हो ही नहीां सकत । इसशलए मैंने
            ने प्रनतयोगगत  में भ ग शलय  थ  उन लोगों को चेंज़जांग रूम में ज न  थ । हम दोनों क  स्वभ व निखील  थ
                                               ख नप न के  स्िॉल की तरफ अपने कदम बढ़ ने शुरू कर टदए। तभी एक गांध मेरी न क तक पहाँची और उसे
                                                                                                                                                           ु
            और हमें इसमें भी शैत नी करने क  एक मौक  शमल ही गय । हमने सोच  कक हम उस रूम में ककसी को
            बांद कर देंगे। इससे शलए स री तैय री हो गई थी। जब सब लोग ब हर ननकल ज एाँगे तब मेरी सहेली ककसी लोग खेलों की तरफ बढ़े। हम रे आगे एक बहत ऊाँ ची
                                               सूाँघते ही मेरे मुाँह में प नी आ गय । ख -पीकर हम
                                                                                                                                                            ु
            को बांद करके  भ ग ज एगी। मैं ऊपर मैद न में चली गई और मेरी सखी अपने क म के  शलए ननकल पड़ी।
                                               र इड थी जो गोल–गोल घूम रही थी। हम उस र इड की ल इन में ज कर खड़े हो गए। वह ाँ से बच्चों के
            दौड़ शुरू होने व ली थी और मेरी सखी मुझे कहीां भी टदख ई नहीां दे रही थी। दौड़ की प्रनतयोगगत  सम प्त
                                               गचल्ल ने की आव ज मेरे क नों में गूाँजने लगी और मेर  पूर  शरीर क ाँपने लग । क ननफवल खत्म होने के  ब द
            हई और मैं उसमें प्रथम आई। क ु छ देर ब द मेरी सखी चेंज़जांग रूम से ब हर ननकलते हए टदख ई दी और मेरे
                                                                                       ु
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                                               अब ब री थी खेल टदवस की। मैं और मेरी सहेली दोनों ने ही दौड़ प्रनतयोगगत  में भ ग शलय  थ । ज़जन लोगों
            ऊपर गचल्ल ने लगी। उसे लग रह  थ  कक जीतने के  शलए मैंने ककसी और से बोलकर उसे कमरे में बांद कर
            टदय  थ  त कक मैं प्रनतयोगगत  जीत सक ूाँ । मैंने उसे समझ ने की बहत कोशशश की परांतु गुस्से की ह लत में
                                               ने प्रनतयोगगत  में भ ग शलय  थ  उन लोगों को चेंज़जांग रूम में ज न  थ । हम दोनों क  स्वभ व निखील  थ
                                                                      ु
            उसे मेरी ब त समझ ही नहीां आ रही थी। उस टदन से आज तक हमने ब त नहीां की है। उस टदन की एक
                                               और हमें इसमें भी शैत नी करने क  एक मौक  शमल ही गय । हमने सोच  कक हम उस रूम में ककसी को
            स ध रण सी घिन  ने हम दोनों के  बीच गलतफहमी की एक ऐसी दीव र खड़ी कर दी कक आज एक स ल
                                               बांद कर देंगे। इससे शलए स री तैय री हो गई थी। जब सब लोग ब हर ननकल ज एाँगे तब मेरी सहेली ककसी
            ब द भी वह िूि नहीां सकी है।

                                               को बांद करके  भ ग ज एगी। मैं ऊपर मैद न में चली गई और मेरी सखी अपने क म के  शलए ननकल पड़ी।


                                               दौड़ शुरू होने व ली थी और मेरी सखी मुझे कहीां भी टदख ई नहीां दे रही थी। दौड़ की प्रनतयोगगत  सम प्त
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