Page 173 - Sanidhya 2025
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                                                                    े
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                                            जगल सी जन्म, भाारत क रक्षाक,
                                           बस्तुरिरया वंीर, दोंश क सीरक्षाक.....
                                                                े
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                      241 बस्तरि�याा बटाालि�यान के े  सााथ मेे�ी 03


                         साा� 06 मेहीीने केी याात्राा एवंं बस्त� केी


                                       साु�क्षाा में मेरिही�ा शक्ति�।








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                                                                �
            मा  सजिवेतें  जिसही,  सहीं0कांमां0  जिदेनांंकां  18  �लंई  2022  कांो  241   य जिवेरंगाँनांंऐ�, माजिहीलं सशस्थिक्तरणी और रंष्ट््� सवें कांं एकां शस्थिक्तशंली
                                                                                                    ै
            बस्तरिरयं  बटेंजिलयनां  कां0रिर0पु0बल  मा  �ंनांंतेरणी  पुर  पुदे�  हुई।   प्रतेीकां ही। इस बटेंजिलयनां कांी माजिहीलंऐ� कांवेल सजिनांकां नांहीी ही, अजिपुते  ू
                                                                                       े
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            कांहीते ही जिकां                                बस्तर कांी वेो बहींदेर बजिटेयं ही �ो अपुनां क्षेत्र कांी गाँहीरी समाझा रखंतेी ही  ं
                                                                           े
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                                                                                    ं
                                                                      ु
                                                            और इस सझाबझा कांो वे हीर जिमाशनां मा शंजिमाल भी कांरतेी ही।
                                                                   ु
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            यत्रा �ायषस्तु पुूज्यर्न्ते रंमार्न्ते तत्रा दावाताः।
               ै
            यत्रातास्तु � पुूज्यर्न्ते सवााषस्तत्रााफ�ाः निक्रयाः।।
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            अथांते �हीं नांंरिरयो� कांी पु�ं कांी �ंतेी ही वेहीं देवेतें रमाते ही। �हीं  �
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            नांंरिरयो� कांी पु�ं नांहीी� हीोतेी वेहीं जिकांए गाँए सभी कांंय जिनांष्फल हीो �ंते  े
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            ही। हीमांर देश मा वेर्ष मा देो बंर नांवेरंजित्र पुर मांतेशस्थिक्त रूपुी मां देगाँं  व
                                                        ु
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            कांी पु�ं कांर देश-देजिनांयं कांो यही सदेश जिदेयं �ंतें ही जिकां नांंरीशस्थिक्त
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                                  ं
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            जिकांसी स कांमा नांहीी ही। इसी क्रमा मा हीमा झांसी कांी रंनांी, जिकांत्तर कांी रंनांी
                         ै
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            जिचीन्न्मां, रजि�यं सल्तांनांं, चींदे बीबी, बीबी देलर कांोर �सी माजिहीलं योद्वां
                                         ै
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            कांी वेीरतें कांी कांहींजिनांयं सनांते हुए बड हुए ही। ै
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            एकां सहींयकां कांमांण्डेन्ट कां तेौर पुर 241 बस्तरिरयं बटेंजिलयनां कां संथा
                             े
                                                                           े
            मारं कांंयकांंल सबस यंदेगाँंर और हृदेयस्र्पुशी रहीं ही। तेीनां वेर्ष पुहील,  े  शरूआतेी  जिदेनांो�  मा  मार    जिलय  बस्तर  माजिहीलं  �वेंनां  कांो  समाझानांं
                                                                            े
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            �ब  माझा  बस्तर  कांी  आजिदेवेंसी  माजिहीलं  �वेंनांो�  कांी  ए�/241  कांी   चीनांौजितेपुणी थां बस्तर कांी माजिहीलंकांमाी अपुनांी जिमाट्टोी स �ड़ी गाँहीरी समाझा,
                                                                   व
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                                                            पुीजिढ़यो� स जिमाली �झांरू क्षेमातें और यहीं  कां �ीवेनां कां अनांठौ अनांभवे
                                                                        ु
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                                                                       ै
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                                                            लकांर आई थाी। मांनां उन्हे अपुनां घारो� स जिनांकांलकांर फ्रीटे लंईनां पुर आते  े
                                                                                             �
                                                                            ं
                                                                                े
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                                                                                                      �
                                                                 ै
                                                            देखंं ही। बस्तर कांं ईलंकांं अपुनां आपु मा चीनांौजितेपुणी ही �हीं  घानां  े
                                                                                         ं
                                                                                                व
                                                             े
                                                                                                  ै
                                                                                   े
                                                                         े
                                                             �
                                                                                            �
                                                            �गाँल, पुथारील रंस्त और देगाँमा पुहींजिड़यं ही। यहीं कांं माौसमा भी जिकांसी
                                                                               व
                                                                     े
                                                                              ु
                                                                                        ै
                                                                                         े
                                                                                               ु
                                                                           ै
                                                                  े
                                                                              �
                                                            पुरीक्षें  स  कांमा  नांहीी  ही  यहीं  अचींनांकां  हीोनां  वेंली  मासलंधींर  बंरिरश
                                                                                             ु
                                                            हीमांरी प्रत्युकां अजिभयंनां कांी स�लतें कांो ओर भी मास्थि�ल बनांं देतेी ही  ै
                                                                   े
                                                                                                      े
                                                                                                 े
                                                            जि�र  भी  बस्तर  कांी  बटेी  पुरी  लगाँनां  और  संहीस  कां  संथा  रोड
                                                                            े
                                                                                ू
                                                                                  �
                                                                                               े
                                                                �
                                                            ओपुजिनांगाँ,आर0ओ0पुी0,डीमांईजिनांगाँ,  ऐरिरयं  डोजिमानांशनां,  अम्बश,
                                                                                                        ु
                                                            एस0सी0ओ0, नांंकांं �सी कांजिठौनां ड्यूटेी कांं जिनांवेहीनां कांरतेी ही। इस
                                                                                                      ै
                                                                                     ू
                                                                                             व
                                                                            ै
                                                                      ू
                                                                                                    व
                                                            प्रकांंर  कांी  ड्यूटेी  मा  सटेीकां  यो�नांं  और  लगाँंतेंर  सतेकांतें  कांी
                                                                          ं
                                                                                       ं
                                                                                           व
                                                                                                ै
                                                            आवेश्यकांतें हीोतेी ही। वे इनां घानां �गाँलो� मा जिस� एकां सजिनांकां कांी तेरही
                                                                         ै
                                                                            े
                                                                                 े
                                                                                   �
                                                                            ृ
                                                            नांहीी,  बस्थि�  अपुनांी  मांतेभजिमा  कांी  सरक्षें  कांरनां  वेंली  बटेी  कांी  तेरही
                                                                                           े
                                                                                    ु
                                                                                                 े
                                                                             ु
            कांमांण्ड़ सौ�पुी गाँई तेो माझा इनां आजिदेवेंसी माजिहीलंकांमाीयो� कांी मास्तदेी   घामातेी ही। उनांकांी �ंनांीय �ंनांकांंरी, �ंनांीय भौगाँोजिलकां पुरिरस्थि�जितेयो�
                                                             ू
                            ु
                                                      ु
                             े
                                                        ै
                                                                 ै
                                                                                        ू
                           े
                                                                                                  ै
                                                                               े
                                                ै
                                                                                                       े
            तेथां  �गाँल  मा  चीलनां  कां  हुनांर  कांं  एहीसंस  हुआ।  �स  �स  मा  इनां   एवेमा लोगाँो स पुरिरजिचीतेतें हीमा एकां माहीत्वपुणी लंभ देतेी ही जि�सस हीमा
                 �
                          े
                     ं
                                                                                              े
                                                      ं
                                                                                         व
                                                               ्
                                                             �
                                                                     े
                                                    े
                                                   ै
                                                 े
                                                                                  ै
            आजिदेवेंसी माजिहीलं �वेंनांो� कां नां�देीकां आतेी गाँई माझा आभंस हुआ कांी   खंतेरो� कांं अनांमांनां लगाँं पुंते ही वे नांंगाँरिरकांो� वे अन्य बलो� कां जिलए
                                              े
                              े
                                                                                े
                                                                      ु
                                             ु
                                                                                                     े
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