Page 177 - Sanidhya 2025
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            आ�न्द प्रभाकटी दिवंहीार- इस जिवेहींर मा एकां अधीमाडपु एकां स्तभ   �हीं हीमानां अल्प �लपुंनां जिकांयं और जि�र बच्चेो� द्वांरं गाँीते, सगाँीते
                                                       �
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            यक्त माडपु और भजिमास्पश माद्रीं मा बठौ ब� जिकां (6.5�ीटे) एकां   और नांत्यु कांं आयो�नां जिकांयं गाँयं, सभी अजिधीकांंरिरयो�, �वेंनांो� नां भी
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                                                                                       ू
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            जिवेशंल माजिते ही। उत्खनांनां स प्रंप्त जिशलंलखं स पुतें चीलतें ही जिकां   गाँीते सगाँीते मा भंगाँीदेंरी कांी। बच्चेो� कांो म्यजि�कांल चीयर स्थिखंलंयं
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            जिवेहींर कांं जिनांमांणी माहींजिशवेगाँप्त बलं�नां कां शंसनां कांंल कां देौरंनां   गाँयं। सभी पुरिरवेंरं� नां जिमालकांर तेम्बोलं कांं आनांन्द उठौंयं।
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            जिभक्षे आनांदे प्रभ नां 08वेी� शतेंब्दोी मा जिकांयं।  पुरस्कंर जिदेय गाँय, प्रोत्सांहीनां पुरस्कंर भी जिदेय गाँय। हीमांर ग्रुपु कांन्द्
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                                                                                 े
                                                            कांी बण्डे पुंटेी भी गाँयी थाी उसनां भी अपुनांं सवेश्रीष्ठा प्रदेशनां जिकांयं, पुर  े
                                                                                           व
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            पीद्मपीादिण दिवंहीार- पुद्मपुंजिणी जिवेहींर 1950 कां देशकां मा उत्खनांनां स  े  देशकां उनांकां प्रोगाँंमा स झाूमा उठौ । गाँीते सगाँीते कांंयक्रमा कां बंदे सभी
                                                             े
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            प्रंप्त इस स्मांरकां कां स्वरूपु कांं हीवेंई दृश्य स्वंस्थिस्तकां जिचीन्हे कांी यंदे   नां जिमालकांर गाँरमांगाँरमा खंंनांं खंंयं। खंंनांं बहुते स्वंजिदेष्ट् थां। सभी
                                                              े
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            जिदेलंतें ही। इस �ल स एकां ब� प्रजितेमां और बौ� कांंल स सबजिधीते   नां � छेोल, पुडी, रंयतें, जिमाक्स वे�, पुंपुड, सलंदे, चींवेल और खंीर
                                                                     ु
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            धींते कांी माजितेयॉ प्रंप्त हुई� ही। जि�स मा ब� कां संथा पुद्मपुंजिणी कांी एकां   इत्युंजिदे कांं लत्फ उठौंयं।
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            माक्खीी मांरनां वेंली छेडी� जिलए हुए एकां प्रजितेमां भी थाी।
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                                                            सभी पुरिरवेंरो� नां अपुनां पुरिरवेंरो� कां संथा अपुनां देोस्तो� कां संथा
                                                                                  े
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            एएसीआई सीग्रुहीालय - संथा हीी हीमानां भंरतेीय पुरंतेत्व सवेक्षेणी   �ोटेोग्रुं�ी कांी। माहींनांदेी कां जिकांनांंर पुर कांजिसयं लगाँंकांर स�ंयं गाँयं
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                                                                 े
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            द्वांरं प्रबजिधीते सग्रुहींलय कांं भी भ्रमाणी जिकांयं। लक्ष्णी माजिदेर पुरिरसर मा  ं  थां हीमानां वेहीं भी �ोटेोग्रुं�ी कांरवेंयी�। जिवेजिभन्न स्मांरकांो� कां पुंस भी
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                                                                              े
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            भंरतेीय पुरंतेत्व सवेक्षेणी द्वांरं प्रबजिधीते एकां सग्रुहींलय, 1950 ओर   �ोटेोग्रुं�ी हुई। हीमा सभी नां जिमालकांर बहुते मानांोर�नां जिकांयं। सभी
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            2000 कां देशकां मा हुई खंदेंई कां देौरंनां जिमाल पुरंतेंस्थित्वकां अवेशर्षो� कां   पुरिरवेंरो� नां इस जिपुकांजिनांकां पुर बहुते अच्छं समाय व्यतेीते जिकांयं।
                                                         े
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            कांलंकांजितेयो� कां जिहीस्साो� और टेकांडो� कांो सरजिक्षेते कांरतें ही। य शवे,
                                                                                          ु
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            वेष्णुवे, ब� और �नां धीमां स सबजिधीते ही। स्मांरकां कांं भ्रमाणी कांरनां कां   जि�र हीमा सभी शंमा कांो 6 ब� ग्रुपु कांन्द् रंयपुर लौटे आय। े
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            पु�ंते हीमा सभी अपुनां व्यवेस्थि�ते पुवे जिनांधींरिरते �ंनां पुर लौटे आय।
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