Page 208 - Sanidhya 2025
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त्रित्रापु ु रा की अंनीमोोल धरोहर














                                                                                  व
                                                                                            ै
                                                               जित्रपुरं भंरते वेर्ष कांं स्वगाँ मांनांं �ंतें ही। यहीॉ कांं�ी
                                                                  ु
                                                                           व
                                                                             ै
                                                                              े
                                                                  व
                                                                           ै
                                                               देर्षनांीय �ल ही �स जिकां- Heritage Park, Fourteen
                                                               Gods & Goddesses, Neermahal, Haveli
                                                               Museum, Rajbhavan, Shri Jagannath Temple,
                                                               Melaghar, Chittagong, Hill Tracks, Tripura State
                                                               Museum, Trihna Wild Life
                                                                                                       े
                                                               अगाँरतेलं मा इजितेहींस प्रजिमायो� और धींजिमाकां अवेकांंश कां
                                                                                            व
                                                                        ं
                                                                                 े
                                                               जिलए कांई देशनांीय �ल ही, जि�नांमा उज्जंयते पुलस, जित्रपुरं
                                                                         व
                                                                                                       ु
                                                                                  ै
                                                                                        ं
                                                                                            �
                                                                                                ै
                                                                                                 े
                                                                                           े
                                                                               व
                                                                     �
                                                               रंज्य सग्रुहींलय, चीतेदेर्ष माजिदेर, उम्मानांष्वर माजिदेर, �गाँन्नंथा
                                                                                                �
                                                                              ु
                                                                                   �
                                                               बंरी और रवेी�द्री कांंनांनां नांीरमाहील, मांलची जिनांवेंस र्षंजिमाल
                                                                 ै
                                                                                                     ु
                                                               ही। उनांमा स एकां ऐजितेहींजिसकां और पुरंतेंस्थित्वकां जिहीन्दूदे �ल
                                                                                          ु
                                                                      ं
                                                                        े
                                                               ही ‘उनांंकांोटेी’।
                                                                 ै
            कित्रापीरा राज्य क उत्तरी किहस्सोे मेंं स्तिस्थात एक गमेंनोंामें सीी पीहाड़ी
                                        ु
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                              े
            ‘उनोंाकोटीी’ याे कोई टीरिर� ड्�ीनोंेषनों नोंहीं ह, याह एक मेंौनों
                                        ै
                ै
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                                    ि
            गाथाा ह, पीत्थारों मेंं किछपीी हुई पीजीा, मेंकितयाों मेंं जीमेंी हुई सीासीं,
            जींगलाों मेंं बसीी हुई कहाकिनोंयां, कोई प्रमेंाण नोंहीं, कोई
                            ु
                                         ै
            किषलाालाेख नोंहीं, किसीफ अनोंमेंानों, किजीनोंमेंं गूंजीता ह किषल्पोकार का
                        ि
                                    ै
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                        े
                                 ु
            श्रीापी याा किषवा की चातावानोंी। याहॉ कछ ह, जीो सीमेंया सीे पीर ह,
                                                 ै
                  ि
                              ै
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                                             े
            याहं दगा ह, गणेष ह, किषवा ह, पीर सीब मेंौनों रहकर चातावानोंी
                         ै
            दते हुयाे प्रतीत होते ह। ं
             े
                       ै
            उनोंाकोटीी नोंामें जीसीे किक 30-40 सीे पीहलाे (उनोंा लागानोंे सीे
                               ै
                                 ै
            उन्नतीसी, उन्ताकिलासी हो जीाता ह) वासीे ही कोटीी सीे पीहलाे उनोंा
                                ै
            लागानोंे सीे, उनोंाकोटीी हो जीाता ह। इसी प्रकार षास्तिब्दोक अथाि जीो
                                             ै
            किक ‘‘एक करोड़ सीे एक कमें’’ (99,99,999), होता ह, याहॉ
            उतनोंी ही सींख्याा मेंं दवाी-दवाताओंं की मेंकितयाॉ और नोंक्कीाषी
                         े
                                     ू
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                 ै
            मेंौजीूद ह। याह स्थाला अपीनोंे किवाषाला चाट्टीानोंों पीर उकरी गई
                                           े
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               ि
            मेंकितयाों और प्राचाीनों किषल्पोकलाा क किलाए प्रकिसीद्ध ह।
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