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कहानी -शेर और आसन
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शरे जगं ल का राजा होता ह। वह अपन े जंगल म सब को डरा कर रहता ह। शेर भयंकर और बलशाली होता
ह। एक िदन शहर का राजा जंगल म घमू न े गया। शरे न े दखा, राजा हाथी पर आसन लगा कर बैठा ह। शेर क
मन म भी हाथी पर आसन लगाकर बैठन े का उपाय सूझा। शेर न े जगं ल क सभी जानवर को बताया और
आदश िदया क हाथी पर एक आसन लगाया जाए। बस ा था झट स े आसन लग गया। शेर उछलकर
हाथी पर लग े आसन म जा बठै ा। हाथी जैस े ह आग े क और चलता ह, आसन हल जाता ह। शरे क ट ग टू ट
गई, शेर खड़ा होकर कहने लगा - “ पदै ल चलना ह ठ क रहता ह ”।
नै तक श ा - जसका काम उसी को साजे, शेर न े आदमी क नकल करनी चाह और प रणाम गलत
सा बत हुआ।