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कहानी -शेर और आसन 
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                                                                                                                          क ा - 9a 
                                                                                                                   अनु म क - 13 

                                                                                                    क य िव ालय सगं ठन - 2 
शरे  जगं ल का राजा होता ह। वह अपन े जंगल म सब को डरा कर रहता ह। शेर भयंकर और बलशाली होता 
ह। एक िदन शहर का राजा जंगल म घमू न े गया। शरे  न े दखा, राजा हाथी पर आसन लगा कर बैठा ह। शेर क 
मन  म  भी हाथी पर आसन लगाकर बैठन े का उपाय सूझा। शेर न े जगं ल क सभी जानवर  को बताया और 
आदश  िदया  क   हाथी  पर  एक  आसन  लगाया  जाए।  बस  ा  था  झट  स े आसन लग गया। शेर उछलकर 
हाथी पर लग े आसन म जा बठै ा। हाथी जैस े ह  आग े क  और चलता ह, आसन  हल जाता ह। शरे  क  ट ग टू ट 
गई, शेर खड़ा होकर कहने लगा - “ पदै ल चलना ह ठ क रहता ह ”। 
 
नै तक  श ा  -  जसका  काम  उसी  को  साजे,  शेर  न े आदमी  क   नकल  करनी  चाह   और  प रणाम  गलत 
सा बत हुआ। 
 
 

                   
 

                                                                                                                                         
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