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​काय क त लगन 
                                  - स गव तका गछु ाइत 

 
महारा   क  ग व  म  आकाशवाणी  होती  ह  आगामी  कु छ  मह न   म  बरसात  नह   होगी।  ग व  क  कसान 
परशे ान हो गए सभी लोग खेती-बाड़ी छोड़कर शहर क ओर रोजगार क तलाश म पलायन कर गए। 
कु छ ह समय म परू ा ग व खाली होने लगा। 
रामदास खेत म हल चलान े लगता ह। सार े ग व क लोग हंसत े ह। रामदास को पागल मखू  और अनेक श  
स े उसका उपहास , मजाक बनात े ह। एक वृ   ि  न े रामदास स े पछू ा भिव वाणी हुई ह बारह मह न े तक 
बरसात नह होगी तो तुम हल चला रह हो ? 
हल चलाने से ा फायदा ?  
जब पानी ह  नह   मलगे ा तो फसल कस े उपजेगा।   क उ र म रामदास न े बड़ ह  श त  भाव स े जवाब 
िदया , क म इस लए हल चला रहा हंू कह बारह मह ने म म ! 
खेती करना ना भूल जाऊँ । 
यह जवाब सुनकर वृ   ि  वह  स े चला गया। रामदास खेत म मेहनत करन े म   हो गया। रामदास 
क  बात बादल  न े सनु ी और कु छ दर बाद काली घटा  घर कर आई और बरसात शु  हो गई।सभी लोग  को 
आ य हुआ क भिव वाणी हुई थी बारह मह ने बरसात नह होगी। 
फर यह अचानक बरसात कसे ? 
कसी  न े बादल  को  रोककर  पूछा  भिव वाणी हुई थी क बारह मह न े बरसात नह  होगी  फर यह बरसात 
कस े ? इस पर बादल न े जवाब िदया  क म रामदास क श  स े भािवत हो गया और मुझ े ऐसा लगा  क 
रामदास  अपन े काय  को  नह   छोड़  रहा  ह  वह  बारह  मह न े का  इं तजार  इस लए नह  कर रहा ह , कह  वह 
खते ी करना ना भूल जाए । 
इस लए म भी बरस रहा हंू कह बारह मह ने म म बरसना ना भलू जाऊँ ।नै तक श ा 

    ● काय क त लगन हो तो सभी काय पूरे होते ह। 
 

                                                                                                            

 
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