Page 40 - Epatrika2020 KV2 AFA DUNDIGAL HYD
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                                                 -आर. सदु शन, नव , अ 
मरे ा वतन वह ह 
 
 

च ी ने जस ज़म पे पग़ै ामे हक़ सुनाया 
नानक ने जस चमन म बदहत का गीत गाया 
ताता रय ने जसको अपना वतन बनाया 
जसने हजा जय से द े अरब छु ड़ाया 
मेरा वतन वह ह, मेरा वतन वह ह 
सारे जह को जसने इ ो-हुनर िदया था, 
यूना नय को जसने हरान कर िदया था 
म को जसक हक़ ने ज़र का असर िदया था 
तुक का जसने दामन ह र से भर िदया था 
मरे ा वतन वह ह, मेरा वतन वह ह 
टू ट थे जो सतारे फ़ारस क आसम स े
फर ताब द क जसने चमकाए कहकश स े
बदहत क लय सनु ी थी दु नया ने जस मक स े
मीर-े अरब को आई ठ हवा जह स े
मरे ा वतन वह ह, मेरा वतन वह  

      
 
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