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किवता   -26- 

                                                                  -फा ुन 
                                                                 क ा-9व  

यह हमारा िव ालय ह,   
श ा का उ म आलय ह। 
पढ़ते यह हम सब ब  े
नयम-री त म ह सब स ।े  
इं श यह सखाई जाती ह 
ह यह पढ़ाई जाती ह। 
ग णत यहा समझाई जाती ह 
कला यहा सखलाई जाती ह। 
श क सभी गणु ी िव ान 
दते िव ा का नत दान।भाईचारे क श ा दत े
दशभि का पाठ पढ़ात।े  
ये श ा का उ म आलय ह 
यह हमारा िव ालय ह। 
 
हाथी और र ी  
एक बार एक  ि , एक हाथी को र ी स े ब ध कर ल े जा रहा था | एक दूसरा  ि  इस े दख रहा था | उस े
बढ़ा  आ य  हुआ  क   इतना  बढ़  जानवर  इस  हलक   स े र ी  स े बंधा  जा  रहा  ह  दूसर े ि   न े हाथी  क 
मा लक स े पछू ा ” यह कस े सभं व ह क  इतना बढ़ा जानवर एक हलक  सी र ी को नह  तोड़ पा रहा और 
तु रे पीछ पीछ चल रहा ह| 
 
हाथी  क  मा लक  न े बताया  जब  य े हाथी  छोट  होत े ह  तो  इ   र ी  स े ब ध  िदया  जाता  ह  उस  समय  यह 
को शश  करत े ह र ी तोड़न े क  पर उस े तोड़ नह  पात े | बार बार को शश करन े पर भी यह उस र ी को 
नह  तोड़ पात े तो हाथी सोच लेत े ह क  वह इस र ी को नह  तोड़ सकत े और बढ होन े पर को शश करना 
ह छोड़ दते ह . 
  
कहानी क   श ा- दो  हम भी ऐसी बहुत सी नकारा क बात अपन े िदमाग म बठै ा लते  े ह क  हम नह  
कर सकते | हमे कभी उ ीद नह छोडनी चा हये|  
 

         
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