Page 39 - Epatrika2020 KV2 AFA DUNDIGAL HYD
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किवता -26-
-फा ुन
क ा-9व
यह हमारा िव ालय ह,
श ा का उ म आलय ह।
पढ़ते यह हम सब ब े
नयम-री त म ह सब स ।े
इं श यह सखाई जाती ह
ह यह पढ़ाई जाती ह।
ग णत यहा समझाई जाती ह
कला यहा सखलाई जाती ह।
श क सभी गणु ी िव ान
दते िव ा का नत दान।भाईचारे क श ा दत े
दशभि का पाठ पढ़ात।े
ये श ा का उ म आलय ह
यह हमारा िव ालय ह।
हाथी और र ी
एक बार एक ि , एक हाथी को र ी स े ब ध कर ल े जा रहा था | एक दूसरा ि इस े दख रहा था | उस े
बढ़ा आ य हुआ क इतना बढ़ जानवर इस हलक स े र ी स े बंधा जा रहा ह दूसर े ि न े हाथी क
मा लक स े पछू ा ” यह कस े सभं व ह क इतना बढ़ा जानवर एक हलक सी र ी को नह तोड़ पा रहा और
तु रे पीछ पीछ चल रहा ह|
हाथी क मा लक न े बताया जब य े हाथी छोट होत े ह तो इ र ी स े ब ध िदया जाता ह उस समय यह
को शश करत े ह र ी तोड़न े क पर उस े तोड़ नह पात े | बार बार को शश करन े पर भी यह उस र ी को
नह तोड़ पात े तो हाथी सोच लेत े ह क वह इस र ी को नह तोड़ सकत े और बढ होन े पर को शश करना
ह छोड़ दते ह .
कहानी क श ा- दो हम भी ऐसी बहुत सी नकारा क बात अपन े िदमाग म बठै ा लते े ह क हम नह
कर सकते | हमे कभी उ ीद नह छोडनी चा हये|