Page 3 - Ashtavakra Geeta
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जाय, िब छोड़ जाय तो भी वो मक्ति को नहीीं छोड़गा| मैं आत्मा हाँ| मरको गरु ने आत्मा बनाक अपन जिा
बना किया है| बहार ही हालत तो कमथ्या / changeable है|
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भगत को भगवान कभी ि ख िे ही नहीीं िकता| भगत क े कलए तो िख रोग है| मीरा को कमला ज़हर
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का प्याला तो तम्हर कलए वो ि ख होगा, िाप आया तो उिन कष्णा कन्हया करक िखा| िच्च भि को ि ख
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अिर नहीीं करता है, अज्ञानी को second-second में िख में भी ि ख है|
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राजा जनक ने कहा कक मरको मक्ति का ज्ञानी िो| ये नहीीं कहा कक मर बि को मक्ति का ज्ञान िो|
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पहल अपन उद्धार क े कलए उिको कचता हुई| ित क े पाि जाइय तो िाथ न लीकजय कोई| भगवान को ऐि े
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प्यार करो कक कोई िख भी नहीीं तमको| अपन को अन्दर में जाचना कक मक्ति क े कलए आया है या कोई इछॎछा
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लकर क े आया है|