Page 57 - CHETNA January 2019 - March 2019FINAL_Neat FLIP
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'यही कक, चन्रमा और सररता में ककतनी समानता है.'
'ककतनी?'
'दोनों एक लर्ते हैं, िकच के वल इतना है कक चन्रमा खामोश है और
सररता एक झिंकार.'
'मतलब?'
'उसकी खामोशी में एक आवाज़ है और तुम्हारी झिंकार में भी एक
खामोशी.'
'तुम जानते हो कक 'सररता' की खामोशी में भी क्या आवाज़ है?'
'शायद नहीिं?'
'तुम्हारे हदल की आवाज़ जो तुम्हारा ददच है और मेरी झिंकार में तुम्हारी
खामोशी.'
'कै सी खामोशी?'
'तुम्हारे दुःख-ददच की.'
'सररता?'
'मुझे तुम्हारी आपबीती की सदा याद रहती है. मुझे मालुम है कक तुम
क्यों अक्सर ही चन्रमा को एक हसरत से देखने लर्ते हो.'
'?' - दीपक अचानक ही चुप हो र्या तो सररता ने अपनी बात पूरी की.
वह बोली,
'तुम भी तो एक चाँद ही हो. हो सकता है कक अपनी ककसी खोई हई
ु
रजश्म को खोजने लर्ते हो?'
'?' - दीपक ने आश्चयच से सररता को तनहारा. लेककन तुरिंत ही सामान्य
होते हए उसने वाताचलाप के ववषय को बदला और बोला कक,
ु
'अच्छा छोड़ो इस बात को. ये बताओ कक इस ताजमहल को देख कर
तुम क्या सोचती हो?'
'यह भी कोई पूछने वाली बात है? हर लड़की इसे देख कर अपने प्रेमी या
मिंर्ेतर से यही कहेर्ी कक शाहजहाँ ने अपनी पत्नी की याद में ताजमहल
बनवाया था.'
'हािं, सो?'
'यहद मैं मर जाऊिं तो तुम क्या बनवाओर्े?'
57 | चेतना जनवरी 2019 - माचच 2019