Page 23 - Annadeepam Hindi Magazine Pratham Ank
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अन्नदीपम प्रथ संस्करण
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क.वप.एन.एस.गोमेशगुप्ता
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श्रप ततक.लक्ष् पअनुम ाकमुत्र
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प्रबंिक(स ान्य)
ंडलकायाालय, तवजयवाडा
सच्चपत त्रता
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श्रपकष् औरणसुदीा ाबचमनकदीोस्तथे।कष् बडेहोकरणिनपहोगए।लेदकनसुदीा ाअमनपमत्नपऔरणबच्चोंक
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साथएकछोटपसपझोंमड़प ेंगरणपबप ेंरणहतेथे।अंत ें, बच्चोंकीभनखभपनहींत टामानेकीतस्थतत ेंथे।
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सुदीा ाकीमत्नपनेउन्हेंकष् कमासजानेऔरण दीदी ांगनेकीसलाहदीप।सुदीा ाबहुतिोतितहुए, शर् िंदीा
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हुए, दफरणभपकष् ाकमासद्वारणकागए।
द्वारणकाशहरणकीभव्यतासेवहदींगरणहगया।लेदकनकष् कोयहसुनकरणबहुतखुशपहुई दकसुिा ाआगए
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औरणअमनेदीरणवाजेकमासइतजारणकरणनेलगे.वहका करणनाबंदीकरणददीया, उत्सुकतासेभागे, सुदीा ाकोगल े
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लगायाऔरणउसेअंदीरणबुलाया।उतनाहपनहींकष् ानेसम् ानमनवाकसुदीा ाकमैरणोंकोिोया, उसकमासबैठ े
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औरणबचमनकी पठपयादीोंकोयादीकरणनेलगा.
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सुदीा ानेउतनेबडे हानरणाजाकोमोहाजैसेसस्ताचपजदीेनेकतलएतहचकरणहाथा.कष् नेवहबातस झ
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तलयाऔरणउनकहाथसेमोहातनकालकरणखातलया।
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सुदीा ाश्रपकष् कप्रे औरणआदीरणसेबहुतप्रसन्नहुए।वहतबदीालेकरणअमनागाूँवचलागया।उनकघरणमहुंचने
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तक उनकी झोंमड़प एक अच्छप हवेलप ें बदील गई थप, बच्चें औरण उनकी मत्नप बदढ़या कमड़े महने हुएथे।
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सुदीा ानेसोचादकवहभाग्यशालपहै।अमना ुंहखोलकरणऔरणकछभप दीदीनहीं ांगा।दफरणभपकष् को
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मताथादकवहक्याचाहताथा।इसतलएउनकोजोचातहएथा, वहतबन ांगेहपदीेददीया।यहपसच्चपदीोस्तप
है.
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सच्चादीोस्तहैतसयतमरणवयाननहींदीेताहै, एकदीनसरणकोप्रसन्नरणखनाहपचाहताहै।यहपसच्चपत त्रताहै।
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तहन्दीपमढ़नाऔरणमढ़ानाह ारणाकताव्यहै।
उसेह सबकोअमनानाहै।
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