Page 25 - Annadeepam Hindi Magazine Pratham Ank
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अन्नदीपम प्रथ संस्करण
अत तक ारणयादीव
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सहायकश्रे पIII (लेखा)
ंडलकायाालय:श्रपकाकल
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ई ानदीारणप:एकनैततक नल्य
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भारणतपय संस्कतत क अनुसारण, शायदी हप कोई ऐसा व्यति हो तजसे बाल्यावस्था ें उसक
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अतभभावकों ने ‘ई ानदीारण’ रणहने की तशक्षा न दीप हो। तवधॎयालय की वादी-तववादी प्रततयोतगता ें
“ई ानदीारणपहपसवाश्रेष्ठनपततहै” जैसपउतियोंकोतवियकऱूम ेंखनबप्रयोगदकयाजाताथा।अंग्रेज़प
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भािाक हानलखकतवतलय शेक्सतमयरणनेकहाहैदक“कोईभपप्रतसतद्धई ानदीारणपतजतनपस ृद्ध
नहींहोतप”।शेक्सतमयरणकीयेमंतियाूँभलेहपव्यावहाररणकजगतकतलयेतनरणथाकऔरणअव्यवहाररणक
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ददीखाईदीें, मरणतुइनकीप्रासंतगकताअभपभपभौततकस ृतद्धऔरणतवकासकीदीौड़ ेंअमनाअतस्तत्व
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बनाएहुएहै।ऐसे ेंयहआवश्यकहैदकह ई ानदीारणपकतवतभन्नमहलुओंकातवश्लेि करणयह
ें
जाननेकाप्रयासकरणदकबचमन ेंतसखाएजानेवाले नल्यदकसप्रकारणवता ान ेंउमयोगपहोसकते
हैं।
क्याहै‘ई ानदीारणप’?
ई ानदीारणपएकनैततकअविारण ाहै।सा ान्यतःइसकातात्मयासत्यसेहोताहै, ककतुतवस्तृत
ं
ऱूम ेंई ानदीारणप न, वचनतथाक ासेप्रे , अलहंसा, अखंडता, तवश्वासजैसेगु ोंकमालनमरणबल
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दीेतपहै।यहव्यतिकोतवश्वासमात्रतथातनष्मक्षबनातपहै।तवद्वानोंकअनुसारण, एकई ानदीारणव्यति
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कीअतनवायातवशेितायहहैदकवहसद्मागीहोताहै।उसकद्वारणादकयेगएकत्यअंतरणात् ाकीआवाज़
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मरणआिाररणतहोतेहैंजोउसेउतचतऔरणअनुतचतक वयतवभेदीकरणने ें ागादीशानप्रदीानकरणतप
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है।यह सोचना गलत होगा दक जो लोग ई ानदीारणप क साथ नहीं रणहते वे बेई ान होते हैं, क्योंदक
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ई ानदीारणनहोनेऔरणबेई ानहोने ेंअंतरणहोताहैऔरणह ारणतलयेइसअंतरणकोस झनाआवश्यक
है। आ तौरण मरण लोग ई ानदीारणप का साथ नहीं दीेते क्योंदक वे डरणते हैं औरण डरण को ह कभप भप
बेई ानपकसाथसंबद्धनहींकरणसकते।
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ज्ञानऔरणई ानदीारणप
ज्ञानकतबनाई ानदीारणपक ज़ोरणहोतपहैक्योंदकतबनाउतचतज्ञानकव्यतिसनचनाओंतथा
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तककअभाव ेंचाहकरणभपकायाकासहपढंगसेतनष्मादीननहींकरणमाता।उदीाहरण कतलयेयददी
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दकसपतशक्षक ेंज्ञानकाअभावहोतोवहस्वयंई ानदीारणहोकरणभपछात्रोंकोउतचततशक्षानहींदीे
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माएगा।यधॎयतमइसकाएकअन्यमक्षभपहैतजसकअनुसारण, ई ानदीारणपकअभाव ेंज्ञानखतरणनाकहो
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