Page 47 - Darshika 2020
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               कोरोना लुटरा रॉबबनहड: दुननर्ा से चुरा गर्ा
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               एक वषश



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               मणणमगलै, प्र. श्र. र्ल.


                                                                                                    ें
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                         मानते ह कक कोरोना ने खूब नुकसान पहचाया ह। कफर भी ऐस क ु छ कारण ह श्जसक भलए हम
                                                             ै
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               इसका र्ुक्रगुजार होना चाहहए। इस छोट स आलख की यह  एक वजह ह। वपछल क ु छ दर्कों स दुतनया
                                                                                    े
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               तेजी से चलती रह  और अब जब रुक गयी तो ऐसा लगा कक हम सब धगर गए। यह सच ह कक कोरोना
                                                                                             ै
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               ने ऐसे हालात पैदा कर हदए ह कक हम रस्तरां जाने तक तरस गए ह तो दूसर  ओर सचमुच वैश्श्वक
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               प्रदूर्ण को एक हाथ स कम ककया ह, त्रबलक ु ल एक सुपरस्टार की तरह।
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                          धगलास  आिा  खाल   होने  क  बजाय  आिा  भरा  हआ  ह  ऐसा  दखना  का  नजररया  सीखना  बहत
                                                                                                        ु
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               मुश्श्कल ह। वो भी ऐस वातावरण म जब हम एक धगलास को छ ू ने स पहल और बाद म हाथ िोना पड़ता
                                                                                े
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               ह। यहां तक कक यह भी सोचना पड़ कक इसस पहल ककसी ने उस धगलास स घूट पीया तो नह ं,  या कफर
                                                                                    ं
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               पानी क भलए दुकान खुलने का इतजार ककया जाए। हालात जैस भी हो हम कह ं न कह ं तो प्रकार् की
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                                            ं
               खोज र्ुऱू करनी चाहहए और क ु छ लोग यह कर भी रह ह।
                                                                ैं
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                          लॉकडाउन क दौरान साफ हवा क कारण क ु छ लोगों ने उत्तर  पंजाब स हहमालय को दखा। क ु छ
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               लोगों को महामार  कसी लगी यह इसका एक ऱूप ह। क ु छ लोगों ने असािारण काम ककया जबकक बाकी ने
                                                           ै
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               एक-एक कर कलडर क पेजों को फाड़ हदया या उनकी परवाह नह ं की।
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                          कोरोना ने हमार इस साल २०२० को अगले साल २०२१ की प्रतीक्षा करने का वैहटंग ऱूम की तरह
                                                                     ष
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               बना हदया,  जहां आपको वटत काटने क भलए भसफ और भसफ समाचार पि और पत्रिकाएं होंगी। आपक
               पास  करने  क  भलए  क ु छ  नह ं  होगा।  इतजार  क  उस  पल  म  हम  स्वयं  को  जबरदस्ती  उसी  हाल  म
                                                                                                          ें
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               मनोरश्जत रखना होगा। इसी उम्मीद क साथ पूर साल को काट रह ह।
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                                                                        े
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                           अब हमार  हालत त्रबलक ु ल एक वैहटंग ऱूम म प्रतीक्षा करने वाले यािी की तरह ह  ह तो हमने
               अपने आप की,  अपने पररवार और अपनी दुतनया की िारणा की ओर दखना र्ुऱू ककया ह। इस प्रकार
                                                                                               ै
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               कोरोना  ने  हमार  जीवन  को  एक  नय  दृश्ष्टकोण  से  भर  हदया  ह।  इसका  अहसास  हम  अभी  नह ं  होगा
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                                                                 ै
                                                                                                 े
               लेककन कफर भी हमने पररश्स्थतत को अच्छी तरह संभाला ह। हमने अपनी अप्रत्याभर्त बहादुर  क क्षणों को
                                                                                                 े
                                                                            े
               जीया,  अपने डर को काबू म रखना सीखा। हमने आश्चयषजनक ऱूप स और अप्रत्याभर्त ऱूप स बहत सी
                                        ें
                                                                                                     ु
               चीज सीखी हैं।
                   ें

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